बठिंडा में भारत माला रोड प्रोजेक्ट के तहत किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जे को लेकर जारी किसानों का विरोध प्रदर्शन प्रशासन के साथ बातचीत के बाद समाप्त हो गया। इस दौरान किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच कई दौर की वार्ता हुई। किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की।
आखिरकार, अधिकारियों के आश्वासन के बाद धरना खत्म कर दिया गया और समाधान के लिए एक समिति का गठन किया गया।
सुबह हुई पहली बैठक
सुबह आयोजित पहली बैठक में किसान नेताओं ने अपनी मांगें स्पष्ट रूप से रखीं। उन्होंने सबसे पहले छापेमारी बंद करने, गिरफ्तार किसानों को रिहा करने और पुलिस द्वारा जब्त किए गए मोबाइल फोन और अन्य सामान वापस करने की मांग की।
दो चरणों में बैठकें
दूसरे दौर की बैठक दोपहर करीब 3 बजे शुरू हुई। इसमें डीजीपी जसकरण सिंह, पूर्व डीआईजी नरिंदर भार्गव, डीआईजी एचएस भुल्लर, डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद परे, एसएसपी अमानत कोंडल और किसानों की ओर से प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहा, झंडा सिंह जेठुके, सिंगारा सिंह मान, रूप सिंह चन्ना कालाझाड़ और जनक सिंह जैसे नेता शामिल हुए।
पांच दिनों में समाधान का वादा
करीब ढाई घंटे चली इस बैठक के बाद एडीजीपी जसकरण सिंह ने मंच से घोषणा की कि भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़े मुआवजे और अन्य मुद्दों का समाधान अगले पांच दिनों में कर लिया जाएगा। यह समाधान प्रशासन और किसानों के सहयोग से होगा। इस दौरान विवादित क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य बंद रहेगा। भारतीय किसान यूनियन उगराहा ने डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद परे द्वारा विवादित जमीनों के मालिकों से चेक वसूली के मुद्दे पर कथित रूप से गलत बयानबाजी करने और लोगों को गुमराह करने की कड़ी निंदा की।

धरना समाप्त
अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। प्रदर्शन खत्म होने के साथ ही प्रशासन और किसानों के बीच सहमति बन गई है कि सभी मुद्दों का समाधान समयबद्ध तरीके से किया जाएगा।
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