सीकर। कोटपूतली–किशनगढ़ छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. नीमकाथाना क्षेत्र से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे को लेकर मंगलवार को भूदोली बाइपास पर किसानों ने महापंचायत कर सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध जताया और आंदोलन की चेतावनी दी.

6500 बीघा भूमि अधिग्रहण का विरोध

महापंचायत में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि सरकार एक्सप्रेस-वे के लिए लगभग 6500 बीघा कृषि भूमि का अधिग्रहण करने जा रही है, जबकि किसानों की पहले की मांगों-यमुना का जल, एमएसपी कानून, खराब फसल का मुआवजा और युवाओं को रोजगार-पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि “मांगें पूरी करने के बजाय सरकार अब किसानों की जमीन पर कब्जा करना चाहती है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा.”

“एक्सप्रेसवे से खेत दो हिस्सों में बंट जाएंगे”

जाट ने बताया कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे किसानों के लिए लाभकारी नहीं, बल्कि नुकसानदेह है. यह सड़क लगभग 15 फीट ऊंचाई पर बनेगी, जिससे कई किसानों की जमीन बीच में से दो हिस्सों में बंट जाएगी.
उन्होंने कहा कि इस तरह के नौ कॉरिडोर राजस्थान में प्रस्तावित हैं और सभी जगह किसान इसका विरोध कर रहे हैं.

“जमीन पर जबरन कब्जा हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा”

महापंचायत में किसानों ने साफ कहा कि बिना उचित मुआवज़े और पुनर्वास नीति के भूमि अधिग्रहण स्वीकार नहीं किया जाएगा. किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा- “जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे.”  उन्होंने सरकार से मांग की कि अधिग्रहण प्रक्रिया पारदर्शी हो और किसानों के हितों को प्राथमिकता दी जाए.

बैठक में राष्ट्रीय महासचिव मुसद्दी लाल, पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रवीण जाखड़, पार्षद राजपाल डोई, सरपंच बसंत यादव, सामाजिक कार्यकर्ता शुभम चोपड़ा और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.

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