रायपुर। संसद द्वारा पारित कृषि कानूनों को लेकर चल रही सुनवाई में किसानों की बात को समझने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी 10 दिन में अपना काम शुरू कर दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी. वहीं आंदोलनरत किसान संगठनों ने कमेटी के औचित्य पर ही सवाल उठाते हुए पेश होने से इंकार कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर जारी अपनी सुनवाई के दौरान मंगलवार को स्पष्ट किया कि जब तक कृषि कानून स्थगित रहेंगे, तब तक एमएसपी की व्यवस्था के साथ किसानों की जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित रहेगी. चार सदस्यीय कमेटी 10 दिन में अपना काम शुरू कर 2 महीने बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई होगी.
इधर कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कमेटी के गठन के साथ ही दिल्ली की सीमा पर धरने पर बैठे किसान संगठनों की ओर से विरोध के स्वर भी उभरने लगे. किसान संगठनों ने कमेटी के सदस्यों की कृषि कानूनों को लागू करने में सरकार के सहयोगी होने के साथ कमेटी के सदस्यों में बदलाव के बाद भी पेश नहीं होने की बात कही. वहीं 26 जनवरी को अपनी ट्रैक्टर रैली पर अडिग रहने की बात दोहराई है.