शिखिल ब्यौहार, भोपाल। आरएसएस के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ ने अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंदी का ऐलान किया है। मामला बीजेपी के बीते विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान खरीदी से जुड़ा हुआ है। आगामी 05 मार्च को किसान संघ पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगा। इस ऐलान के बाद प्रदेश का सियासी पारा भी चढ़ने लगा है।

भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने बताया कि मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज बीजेपी सरकार ने अपने विधानसभा चुनावी घोषणा पत्र में कहा कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान और 2700 रुपये की दर से गेहूं खरीदी की जाएगी। किसानों ने बीजेपी को अपना मत भी दिया। इसके बाद भी घोषणा पत्र में किया गया वादा अधूरा है। भारतीय किसान संघ गैर राजनीतिक दल है। लिहाजा सरकार को अपना वादा याद दिलाने के साथ पूरा करने के लिए किसान संघ आंदोलन की राह पर है।

किसानों की दोगुनी आय के झूठ पर संघ की चुप्पी, यह आंदोलन सिर्फ छलावा- कांग्रेस

कांग्रेस ने भारतीय किसान संघ के आंदोलन के ऐलान पर निशाना साधा। प्रदेश प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का झूठ भी बीजेपी सरकार ने बोला था। लेकिन, किसान संघ मामले को लेकर चुप रहा। दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के डैमेज कंट्रोल के साथ मध्यप्रदेश के किसानों का ध्यान भटकाने के लिए यह छलावा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ के साथ बीजेपी ने कभी किसानों का साथ नहीं दिया। फिर बात घोषणा पत्र में किए वादों की हो या किसानों के मुद्दों पर आंदोलन की।

जल्द किसानों को मिलेगा लाभ, कांग्रेस ने बोला था कर्ज माफी का झूठ- बीजेपी

कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों से चर्चा की जा रही है। इसके अलावा घोषणा के मुताबिक एमएसपी पर फसल खरीदी के लिए भी केंद्र सरकार से संवाद किया जा रहा है। बीजेपी ने अब तक किए वादे पूरे किए हैं। लेकिन, कांग्रेस एक बार फिर किसानों के नाम पर राजनीति कर रही है। बीती कमलनाथ सरकार में किसान कर्ज माफी का झूठ किसानों को याद है। यही कारण है कि इस बार के विधानसभा चुनावों में किसानों ने कांग्रेस को घर बिठाने का काम किया।

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