इमरान खान, खंडवा। खण्डवा में किसानों को खाद की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। समितियों पर खाद नही मिलने से किसान बोवनी के समय परेशान हो रहे है। किसानों का कहना है कि समितियों पर हमें खाद नहीं दिया जा रहा है इसलिए किराया लगाकर शहर आ रहे है, लेकिन जिला विपणन संघ कार्यालय से भी हमें लौटाया जा रहा है। यदि इसी तरह भटकते रहे तो गेहूं और चने की बोवनी कैसे करेंगे। बोवनी का समय बीत गया तो फसल प्रभावित हो जाएगी। उपचुनाव के समय तो अच्छे से खाद दिया गया लेकिन अब एक बोरी के लिए भी शहर तक आना पड़ रहा लेकिन यह भी खाद नही मिल रही है।
खण्डवा के इंदौर रोड स्थित जिला विपणन कार्यालय के गोदाम पर डीएपी और यूरिया लेने के लिए पहुंचे किसानों ने खाद की समस्या यहां आकर अधिकारियों को सुनाई। सुबह से ही यहां खाद लेने के लिए किसानों का आना शुरू हो गया। ग्राम सिंगोट, रामपुरा, रांजनी, नांदिया, पोखरकलां सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों से आए किसान यहां डीएपी की मांग करते रहे लेकिन स्टाक नहीं होने के कारण किसी को भी खाद नहीं मिली। किसानों ने आरोप लगाया कि सहकारी समितियों से ना तो डीएपी खाद दी जा रही है और ना ही यूरिया का वितरण हो रहा है। सहकारी समितियों से कहा जा रहा है कि विपणन कार्यालय के गोदाम से जाकर खाद ले आओ। यहां आने पर इनकार किया जा रहा है। बुधवार को जिला विपणन संघ के गोदाम पर करीब सौ टन यूरिया आया। ट्रकों से आई यूरिया की खेप को गोदाम में खाली किया गया। वहीं गांव-गांव से यूरिया लेने के लिए आए किसानों को एक भी बोरी नहीं दी गई। अधिकारियों ने कहा कि गोदाम से किसी को भी यूरिया उपलब्ध कराने के निर्देश नहीं है। सभी को सहकारी समितियों से ही मिलेगा, लेकिन इधर किसान बार-बार यही कहते रहे कि उन्हें सहकारी समितियों से ना तो यूरिया दिया जा रहा है और ना ही खाद।
ग्राम सिंगोट से आए किसान श्रीराम पटेल खाद नहीं मिलने से नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि तीन एकड़ जमीन है। सोसायटी में खाद नहीं दे रहे हैं। पंजीकृत किसान हूं। मैंने सोचा था कि विपणन विभाग के गोदाम से खाद मिल जाएगी लेकिन यहां से भी लौटाया जा रहा है। अब कहां जाएं। ग्राम रांजनी के किसान दगड़ू मालाकार ने कहा कि दस एकड़ की खेती है। गेहूं की बोवनी करना है लेकिन खाद नहीं मिल रही है। रामपुरा सहकारी समिति में गए तो कहा गया कि नकद में खाद नहीं देंगे। यदि समय पर खाद नहीं मिली तो बुआई करना मुश्किल हो जाएगा।
खण्डवा जिले में कुल 205 सहकारी समितियां हैं और यहां 1,04,000 पंजीकृत किसान हैं सहकारी समितियों में। रबी सीजन में यूरिया का लक्ष्य- 43000 टन है, और यूरिया का भंडारण- 15504 टन है, यूरिया का वितरण- 9610 टन, शेष यूरिया- 4894 टन। वही एएसपी का लक्ष्य- 21000 टन है, एएसपी का भंडारण- 5768 टन,एएसपी का वितरण- 1822 टन, शेष एएसपी- 3646, वही डीएपी का लक्ष्य- 15000 टन, डीएपी का भंडारण- 9976 टन, डीएपी का वितरण- 7797 टन, शेष डीएपी- 2197 टन है, वही एमओपी का लक्ष्य- 4000 टन, एमओपी का भंडारण- 2286 टन,एमओपी का वितरण – 638, शेष एमओपी- 1603 है।
इसी के साथ जिला प्रशासन का कहना है कि खाद पर्याप्त मात्रा में है कहीं कोई दिक्कत नहीं है कुछ सोसाइटी में अगर समस्या आ रही है तो अधिकारियों को निर्देश दिए है। हमारी पूरी कोशिश है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद दिया जाएगा। कुछ सोसायटी पर किसान नगद में खाद की डिमांड कर रहे है वहां कुछ दिक्कत आ रही है। लेकिन खाद हमारे पास पर्याप्त माता में है कोई कमी नहीं है
जिला विपणन के अधिकारियों कहना है खाद लगातार जिले में आ रहा है कहीं कोई दिक्कत नहीं है आज बुराहनपुर से 100 टन खाद आया है कल और 100 टन आने वाला है जिसके बाद हमारे पास 200 सो टन खाद मिल जाएगा।