संदीप शर्मा, विदिशा। मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की तरह बीजेपी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मामा के राज में भी किसानों को राहत नहीं मिल रही है। धान का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने सड़क पर लेटकर धान का उचित मूल्य देने की मांग की है। विदिशा के कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और किसानों की मांगों का समर्थन भी किया। एसडीएम द्वारा किसानों की समस्याओं का निराकरण के आश्वासन के बाद किसानों का विरोध प्रदर्शन समाप्त हुआ।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को विदिशा के मिर्जापुर मंडी के बाहर मेन रोड पर धान का उचित मूल्य नहीं मिलने के विरोध में किसानों ने चक्काजाम कर दिया। किसानों ने चक्काजाम करते हुए रोड पर आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया। कुछ किसान तो सड़कों पर ही लेट गए। इसी बीच एक एंबुलेंस को बड़ी मुश्किलों के साथ निकाला गया। इस दौरान सड़क की दोनों दिशाओं में वाहनों की लंबी कतारे लगी रहीं। इस दौरान किसान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। चक्काजाम की सूचना पर प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों से उनकी समस्या को लेकर चर्चा की।
मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाया
किसानों का कहना है कि अन्य प्रदेशों में धान का मूल्य लगभग चार हजार प्रति क्विंटल है जबकि हमारे यहां दो हजार से कम दाम पर धान खरीदी की जा रही है। किसानों ने मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि चार से पांच दिनों के बाद भी धान तौलाई का नंबर नहीं आता है। आए दिन मंडी परिसर में तौलाई को लेकर किसानों के बीच लड़ाई की नौबत आ जाती है। मंडी में जिम्मेदार व्यक्ति नहीं होने के कारण किसान शिकायत भी नहीं कर पा रहे हैं।
विदिशा मंडी में धान कम रेट पर खरीदी जा रही
वहीं इस संबंध में व्यापारियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में धान का मूल्य कम हुआ है, इसीलिए विदिशा मंडी में भी धान कम रेट पर खरीदी जा रही है। मौके पर पहुंचे विदिशा के कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव का कहना है किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य ना मिलना उनके साथ एक छलावा है। विधायक ने यह भी कहा कि मैंने स्वयं धान का मूल्य अन्य क्षेत्रों में भी पता किया है। अन्य क्षेत्रों में किसानों को धान का मूल्य 3800 रुपए तक मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों के साथ राज्य सरकार छलावा क्यों कर रही है।
जानकारी मिलते ही विदिशा एसडीएम गोपाल सिंह वर्मा मौके पर पहुंचे और किसानों के साथ बैठ कर चर्चा की। उन्होंने उनकी समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया है। उनके आश्वासन के बाद किसानों का आक्रोश शांत हुआ।