पंकज सिंह भदौरिया, दंतेवाड़ा। हरेली त्योहार इस बार दंतेवाड़ा जिले के किसानों की समृद्धि और खुशहाली का तोहफ़ा लेकर आ रही है. छतीसगढ़ की भूपेश सरकार किसानों और पशु-पालकों को केंद्र में रखकर इस अवसर पर महत्वकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना की शुरुआत करेगी. योजना के तहत पशुपालकों से दो रुपए किलो में गोबर की खरीदी कर वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार कर 8 रुपए किलो के हिसाब से बिक्री करेंगे. इससे एक तरफ जहां पशुपालकों को चौपायों की देखभाल में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर कृषि भी रसायनिक खाद से मुक्त होगी.
भूपेश बघेल सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को लेकर लल्लूराम डॉट कॉम ने दंतेवाड़ा जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों की राय ली. नकुलनार के डेयरी संचालक जैकी राठौर ने बताया कि गोधन न्याय योजना किसानों के लिए एक अच्छी पहल है. इससे हम लोगों को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ मिलेगा, साथ ही मवेशियों के खुला छोड़ने की प्रवृत्ति भी थमेगी. इससे सड़कों पर मवेशी कम नजर आएंगे, जिससे सड़क हादसों में गिरावट आएगी.
अजमेर सिंह कुशवाह बताते हैं कि दंतेवाड़ा जिले में 22 गौठान बने हुये हैं. हर एक गोठान में ग्राम गोठान समिति क्रय प्रबंधन का काम करेगी. इसके लिए हर गोठान में नोडल नियुक्त किए गए हैं. वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए NRLM और केवीके में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. किसानों और पशुपालकों से सीधे परिवहन सहित 2 रुपए किलो के हिसाब से गोबर खरीदा जाएगा, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से फायदा मिलेगा.
कुआकोंडा ब्लॉक के कांग्रेस अध्यक्ष भास्कर राठौर ने बताया कि गोबर का महत्व प्राचीन काल से है, जिसे अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के हित में गोधन न्याय योजना बनाकर सीधा लाभ देने का प्रयास किया है. खेती-किसानी में गोबर खाद से न केवल धान की पैदावार अधिक होती है, बल्कि उसका खुशबू और स्वाद भी बेहतर होता है. उर्वरक उपयोग से तैयार फ़सल से काफी नुकसान हो रहा है. इस योजना के दूरगामी परिणाम बेहद ही सुखद अनुभव किसानों को देंगे.
कटेकल्यान के किसान सुकलधर कहते है कि यह योजना पहले से शुरू होती तो बेजुबान मवेशी सड़क हादसे में इतनी संख्या में नहीं मरते. अभी कुछ दिन पहले ही गीदम के पास एक हादसे में 5 गायों की मौत हो गई, क्योंकि मवेशी मालिक गायों को तब तक ही चारा-पानी देते हैं, जब तक वह दूध देती है, इसके बाद छोड़ देते हैं. इस योजना से पशु मालिक मवेशी को घर पर रखेंगे और आर्थिक लाभ भी अर्जित करेंगे. वरिष्ठ पत्रकार संतोष चौहान कहते हैं कि सरकार की यह योजना तभी सफल है, जब तक योजना भ्रष्टाचार के कीड़े से दूर रहे. मवेशी मालिक मवेशियों को घर से बाहर ना छोड़कर अपने घरों में रखेंगे. इससे उनको फायदे होंगे और मवेशियों की जान भी बचेगी.