चंडीगढ़। पंजाब में मंडियों में धान की ढंग से लिफ्टिंग और डीएपी की कमी को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ दो मंत्रियों ने बैठक की। बैठक में खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक्क और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह शामिल थे। बैठक के बाद किसानों ने फैसला किया कि आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन सड़कों से जाम हटा लिया जाएगा।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि यह फैसला आम जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, लेकिन हम स्थिति पर नजर बनाए रखेंगे। यदि हालात नहीं सुधरे, तो आंदोलन को लेकर अगला कदम उठाया जाएगा। कुछ ही समय में हाईवे से जाम पूरी तरह हटा दिया जाएगा।

किसानों ने बताया कि सरकार के अनुसार शैलर मालिकों का मसला सुलझा लिया गया है। इसके अलावा, मंत्रियों ने कहा कि सरकार किसानों के साथ है। किसानों द्वारा फगवाड़ा, मोगा-फिरोजपुर हाईवे, संगरूर-बर्नाला हाईवे और गुरदासपुर-श्री हरगोबिंदपुर एनएच पर भी धरने दिए गए थे। यह बैठक लगभग दो घंटे चली।

CM मान ने गृह मंत्री से संपर्क किया

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से फिर से संपर्क किया है और इस दिशा में प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की मांग की है। मुख्यमंत्री मान ने किसानों से कहा कि सड़कों पर बैठना समस्या का हल नहीं है। रोजाना हो रहे धरनों से आम जनता परेशान हो रही है। उन्होंने कहा कि हर चीज की एक सीमा होती है और हम समस्या को समझते हैं। इसके साथ ही, किसानों ने स्पष्ट किया कि यदि समस्या का हल नहीं किया गया तो धरनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

केंद्र ने अपना कर्तव्य निभाया, पंजाब सरकार विफल – अविनाश राय

इसी बीच पंजाब भाजपा नेताओं ने इस मामले को लेकर राज्यपाल से मुलाकात की। गवर्नर हाउस के बाहर मीडिया से बातचीत में भाजपा के वरिष्ठ नेता अविनाश राय खन्ना ने कहा कि धान की लिफ्टिंग को प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए ताकि किसान अपने परिवारों के साथ दिवाली मना सकें। उन्होंने इस कार्य में देरी के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

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