किसान संघ का कहना है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार किसानों के ऊपज का लागत मूल्य किसान निर्धारित करें, जिस पर 50% लाभकारी मूल्य जोड़कर समर्थन मूल्य में 12 माह धान खरीदी हो तथा महंगाई के अनुरूप 10प्रतिशतहर वर्ष वृद्धि और यह कानूनी रूप मिले साथ ही किसानों को कर्ज मुक्त किया जाए। लिहाजा इन मांगों को लेकर ही आंदोलनकारी किसान शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए सत्याग्रह अनशन जारी रखते हुए पदयात्रा करेंगे। यात्रा 7 फरवरी को 2:00 बजे से पैदल यात्रा करते हुए बिलासपुर उच्च न्यायालय के चौखट तक पहुंचेंगे। यात्रा के हर 15:20 किलोमीटर पर पड़ाव डाला जाएगा, जहां साथ चल रहे किसानों के लिए लंगर भंडारा का व्यवस्था होगा गांव-गांव में रास्ते पर पड़ने वाली जगहों पर छोटी-बड़ी सभाएं भी होगी। यात्रा बिमचा, परसदा, कौंदकेरा, तुमगांव, पटेवा, झलप, पिथौरा, साकरा, बसना, सिंघनपुर, सरायपाली, सारंगढ़, बिलाईगढ़ शिवरीनारायण होते हुए उच्च न्यायालय पहुँचकर समाप्त होगी।
रायपुर। किसानों की आजीविका से जुड़ी प्रमुख माँगों एवं सरकार की वायदा खिलाफी के विरोध में महासमुंद के कचहरी चौक में पिछले 27 जनवरी से छत्तीसगढ़ किसान महासंघ के बैनर तले पांच किसान राधेश्याम शर्मा, जागेश्वर चंद्राकर, गजेंद्र कोसले, कौशल देवांगन और तिलक साहू अनसनरत हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार अभी तक संवेदनहीन बने हुए है। शासन प्रशासन की संवेदनहीनता से छुब्ध होकर अनसनकारी किसान बिलासपुर उच्च न्यायालय तक अपनी बात पहुंचाने 7 फरवरी को महासमुंद से पदयात्रा करेंगे।