संजीव शर्मा, कोंडागांव. बारिश की बेरुखी से लोग चिंतित होने लगे हैं. कई जिलों में सूखे के हालात हैं. अगस्त महीना भी आधा बीत गया पर समुचित बारिश नहीं होने से कोंडागांव जिले के किसान कृषि कार्य शुरु ही नहीं कर पाए हैं. अगस्त में चारों ओर सूखा जैसी स्थिति बन गई है, जिससे किसानों के सामने बड़ी समस्या आ गई है.

किसान जून-जुलाई महीना में ही धान की बोआई पूरी कर ली पर जुलाई-अगस्त महीना में तपती धूप के कारण खेत में लगा धान सूख कर मर रहा है. किसान अपनी फसल नष्ट होते देखकर परेशान हैं. लैंम्पस और खुले बाजार से किसान उन्नत धान बीज ऊंची दाम पर खरीद कर खेतों में बुआई की पर बारिश ने सारे मंसूबे पर पानी फेर दिया.

गत एक महीना से बारिश नहीं होने से मृतप्राय हो चुके धान, मक्का की फ़सलों को बचाने के लिए किसान जहां पानी की व्यवस्था है वहां पंप के सहारे सिंचाई कर रहे हैं, ताकि देर से बारिश होने पर भी फसल अच्छी हो सके, लेकिन क्षेत्र मे अधिकांश तालाब, नदी नालों में जल स्तर काफी नीचे चला गया है. इससे किसान चाह कर भी फसल बचाने में सफल नहीं हो रहे हैं.

कोंडागांव जिले में बारिश की बेरुखी से चिंतित किसान अच्छी बारिश के लिए भीमा देव (इंद्र देव) को प्रसन्न करने के लिए अधिकांश गांवों मे यज्ञ अनुष्ठान शुरू कर दिए हैं. भीमा देव (इंद्र देव) को मनाने के लिए कोर्रा बड़गांव में ग्रामीणों ने गांव के प्राचीन मंदिर प्रांगण में इंद्र देव को खुश करने के लिए यज्ञ में आहुतियां डालकर स्थानीय बोली में मेघा रे मेघा पानी दे के उच्चारण के साथ ढोल की थाप के बीच नाचते गाते हुए यज्ञ की परिक्रमा की और इंद्रदेव से पानी बरसाने की मंगल कामना कर की.

ग्रामीणों का कहना है कि अच्छी बारिश के लिए 24 घंटे लगातार नाच गाकर भीमा देव को प्रसन्न करेंगे. ग्रामीण गंगाराम नेताम, दिनेश कुमार नेताम, सुकदेव मंडावी, सुदरन पोयाम आदि किसानों का कहना है कि यदि दो-चार दिनों में वर्षा नहीं होती है तो उनकी फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी. वर्षा होने के लिए भीमा देव (इंद्र देव) को मनाने के लिए पूर्वाजों द्वारा इस प्रकार अनुष्ठान किया जाता था.

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