लखनऊ. देश के कई इलाकों में मानसून में जमकर बारिश हो रही है. बारिश के कारण कई राज्यों के लोग परेशान हैं. वहीं यूपी के लोगों में चिंता बारिश होने के कारण नहीं बल्कि कम बारिश और सूखे जैसे हालात के कारण है. प्रदेश के 75 में से 70 जिलों में औसत से कम बारिश के चलते खरीफ की फसल पर संकट मंडरा रहा है. बारिश न होने से किसान बेहद परेशान हैं.
बारिश न होने से यूपी के 70 जिलों में सूखे जैसे हालात हैं. ऐसे में यहां के किसानों ने फसल तैयार कर लेने की उम्मीद ही छोड़ दी. राज्य के 48 जिलों में बहुत कम बारिश हुई है और 28 में कम बारिश हुई है. वहीं उत्तर प्रदेश में 57 फीसदी कम बारिश हुई है. फतेहपुर जिले के किसान बारिश नहीं होने से बहुत निराश है. यहां बारिश न होने से फसल को तैयार करने में लगाई गई लागत को निकाल पाना संभव नहीं लग रहा है.
मेरठ में आसमान में काले बादल होने के बावजूद वर्षा नहीं हो रही है. किसान खेतों में धान की रोपाई ट्यूबवेल से कर रहे हैं. यूपी के बुंदेलखंड में बारिश या नहरों की सिंचाई पर खेती आधारित है. लिहाजा सैकड़ों एकड़ खेत सूखे पड़े हैं. यहां खरीफ की फसल के तौर पर तिल, मूंग और चने की खेती होती है, लेकिन सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं.
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बांदा जिले में मौसम की बेरुखी है. इससे किसान खरीफ की फसल नहीं बो पा रहे हैं. बुंदेलखंड के झांसी जिले में किसानों का कहना है कि बारिश नहीं हुई है, जिससे बुवाई नहीं हो पा रही है. साथ ही लोगों ने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग की तानाशाही है, बिजली नहीं देते हैं कि जिससे किसान अपने स्तर पर पानी लगा सके. सावन की लहलहाती हरियाली की जगह खेतों में उड़ रही धूल फतेहपुर जिले के अन्नदाता के चेहरे मुरझाए हुए हैं.
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