शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में आज भी कई जिलों में बारिश के आसार है। प्रदेश में बदले मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है। कई जिलों में ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं। कल सदन में भी विपक्ष ने फसल बर्बादी का मुद्दा उठाया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खराब फसलों का सर्वे कर मुआवजा का निर्देश दे चुके हैं।

एमपी के एक दर्जन जिलों में गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, डिंडौरी, जबलपुर सहित शहडोल संभाग के जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में बेमौसम हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की चिंताए बढ़ गई है।

CM ने दिए ओलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश

सीएम मोहन ने 11 से 14 फरवरी के मध्य पूर्वी मध्यप्रदेश के कुछ जिलों असामायिक वर्षा और ओलावृष्टि से हुए नुकसान का तत्काल सर्वे करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि ओलावृष्टि से प्रभावित कोई भी किसान राहत और सर्वे से छूटे नहीं। सर्वे के बाद कलेक्टरों को आरबीसी 6(4) में किसानों को राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिए है।

बालाघाट, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, डिडौरी, मंडला, सतना, सिंगरौली, पन्ना, अनूपपुर और छतरपुर की 34 तहसीलों के 343 गांव के 3 हजार 701 किसानों की फसलों के प्रभावित होने की सूचना पर तत्काल सर्वेक्षण के निर्देश दिए गए है। राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के अनुरूप राहत प्रदान करने को कहा है। राहत राशि स्वीकृत करने के लिये पर्याप्त मात्रा में बजट उपलब्ध है।

आपको बता दें कि ओलावृष्टि प्रभावितों को वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य शासन द्वारा 121 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई है। पिछले तीन वर्षों में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को 1 हजार 820 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है।

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