विक्रम मिश्र, सुल्तानपुर. भाजपा नेता अवधेश पांडेय की मुश्किल कम होने का नाम नही ले रही है. फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज जलाल मोहम्मद अकबर की अदालत ने बीजेपी नेता की जमानत के लिए आधार न पाते हुए उनकी बेल अपील को खारिज कर दिया है. करीब सवा पांच साल पुराने मामले में अगले पक्ष की सक्रियता से बीजेपी नेता अवधेश पाण्डेय की मुश्किलें बढ़ गई है. अवधेश पाण्डेय की क्रिमिनल हिस्ट्री लंबी बताई जा रही है. ये पूरा मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र स्थित पांडेयपुर सुरौली गांव का है. परिवादी देव नारायण पाण्डेय के आरोप के मुताबिक दो जुलाई 2019 को विवादित जमीन पर आरोपी अवधेश पाण्डेय अपने रिश्तेदार आशुतोष मिश्र, उत्तम मिश्र और शिवशंकर मिश्र समेत अन्य को साथ लेकर जबरन ट्रैक्टर से जुताई करवाने लगे थे.

परिवादी के मुताबिक पुलिस ने दोनों पक्ष को कागजात के साथ एसडीएम के समक्ष पेश होने के लिए कहा था. लेकिन सत्ता के मद में चूर हिस्ट्रीशीटर भाजपा नेता ने बात नहीं मानी और विवाद बढ़ गया. परिवादी देव नारायण पाण्डेय के मुताबिक जब आरोपी अवधेश पाण्डेय और उनके साथियों को मना किया गया तो वे विवाद पर उतारू होकर असलहे से हमला बोल दिया. इस दौरान अवधेश पाण्डेय ने परिवादी देव नारायण के बेटे श्रीकांत पाण्डेय को जान से मारने की नीयत से फायर भी किया. जबकि इस हमले में श्रीकांत के अलावा परिवादी के दूसरे बेटे राजेश पाण्डेय और अन्य को भी गंभीर चोट भी आई थी. इसी विवाद में आरोपी अवधेश पाण्डेय के रिश्तेदार आशुतोष मिश्र को अपनी जान गवानी पड़ी थी.

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आशुतोष की हत्या में पुलिस ने देव नारायण पाण्डेय पक्ष के कई लोगों और जगन्नाथ यादव को भी मुल्जिम बनाते हुए जेल भेज दिया था. वहीं अवधेश पाण्डेय के प्रभाव में पुलिस के जरिये देव नारायण पाण्डेय के बेटे श्रीकांत को गोली लगने और अन्य को चोटहिल होने के बावजूद पुलिस ने घटना को फाइल में दर्ज होने दिया. परिवादी ने पुलिस में कोई सुनवाई न होने पर कोर्ट का सहारा लिया.

मजिस्ट्रेट कोर्ट ने तलबी आदेश को ठहराया गलत

अदालत में परिवादी और डॉक्टर सहित अन्य गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर एसीजेएम अमित कुमार सिंह की कोर्ट को आरोपियो की तलबी का पर्याप्त आधार मिला. जिसके बाद कोर्ट ने बीते 6 फरवरी को आरोपी अवधेश पाण्डेय को धारा-307 में और सह आरोपी दुर्गेश पाण्डेय, उत्तम मिश्रा और शिवशंकर मिश्रा को धारा-324, 506 में विचारण के लिए तलब करते हुए समन जारी किया था. फिलहाल अवधेश पाण्डेय ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के तलबी आदेश को गलत ठहराते हुए तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश पाण्डेय की अदालत में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल कर चुनौती दी थी. फिलहाल सेशन कोर्ट का मानना है कि घटना में कौन सा पक्ष पहले अक्रामक हुआ ये स्पष्ट हो पाना ट्रायल से ही संभव है.

इस आधार पर अर्जी खारिज

बीते दो अप्रैल को जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अवधेश पाण्डेय के क्रिमिनल रिवीजन में दर्शाए गए तथ्यों को ग्राह्य न मानते हुए उनकी अर्जी खारिज कर दी थी और मामले में अग्रिम कार्यवाही के लिए पत्रावली सम्बंधित मजिस्ट्रेट को वापस कर दिया था. अवधेश पाण्डेय ने दीपावली के पहले कोर्ट में सरेंडर कर सेशन कोर्ट में नियमित जमानत अर्जी पेश की थी. अर्जी पेश कर अंतरिम जमानत की मांग की गई थी. फिलहाल सेशन कोर्ट ने अंतरिम राहत देने का कोई आधार न पाते हुए अर्जी खारिज कर दी है. दोनों पक्षो को सुनने के बाद एफटीसी जज जलाल मोहम्मद अकबर ने अवधेश पाण्डेय की जमानत के लिए आधार न पाते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दिया है.

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