Amazon, PayPal, VPN… ये वो ऑनलाइन पेमेंट सर्विसेस (Online payment services) हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी (Terrorist) भारत को दहलाने के लिए कर रहे हैं। जी हां… इसका खुलासा वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था एफआटीएफ (FATF) की रिपोर्ट में हुआ है। इसके लिए बकायदा पुलवामा आतंकी हमला और गोरखनाथ हमले का उदाहरण दिया गया है। Amazon से खरीदे गए एल्युमिनियम पाउडर का उपयोग पुलवामा हमले में किया गया था, जबकि गोरखनाथ की घटना में आरोपी ने PayPal का इस्तेमाल किया।
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बता दें कि 2019 के पुलवामा हमले में 40 जवान मारे गए थे। जबकि 3 अप्रैल, 2022 को गोरखनाथ मंदिर में घुसपैठ की कोशिश की गई थी। इसमें इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट (आईएसआईएल) की विचारधारा से प्रभावित एक व्यक्ति ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
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वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था एफआटीएफ ने खुलासा किया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन पेमेंट सर्विसेस का इस्तेमाल आतंकी हमलों के लिए किया जा रहा है। एजेंसी ने स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म के बारे में भी बताया। उसने कहा कि कुछ आतंकवादी संगठनों को सरकारों से वित्तीय और अन्य प्रकार का समर्थन होता रहा है। आतंकवादी वित्तपोषण जोखिमों पर एक स्टडी में FATF ने आतंकवाद के स्टेट स्पॉन्सर्ड को भी चिन्हित किया और कहा कि सूचना के विभिन्न सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों और इस रिपोर्ट में प्रतिनिधिमंडलों के इनपुट से संकेत मिलता है कि कुछ आतंकवादी संगठनों को सरकारों से वित्तीय और अन्य प्रकार का समर्थन प्राप्त होता रहा है।
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FATF ने क्या कहा?
FATF ने कहा, प्रतिनिधिमंडलों ने रिपोर्ट दी है कि आतंकवादी वित्तपोषण के लिए स्टेट स्पॉन्सर्ड का उपयोग या तो धन उगाहने की तकनीक के रूप में या आतंकवादी कृत्यों में शामिल कुछ संगठनों की वित्तीय प्रबंधन रणनीति के हिस्से के रूप में किया जाता है। प्रत्यजून में FATF ने अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा था कि वित्तीय सहायता के बिना ऐसे हमले संभव नहीं थे। उसने कहा था कि वह 200 अधिकार क्षेत्रों वाले अपने वैश्विक नेटवर्क द्वारा प्रदान किए गए मामलों को संकलित करते हुए आतंकवादी वित्तपोषण का व्यापक विश्लेषण पेश करेगा।
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भारत में आतंकवादी हमले के लिए सामग्री की खरीद के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल का केस स्टडी देते हुए, FATF ने कहा कि हमले में इस्तेमाल किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का एक प्रमुख घटक एल्युमिनियम पाउडर (EPOM) Amazon के ज़रिए खरीदा गया था। इस सामग्री का इस्तेमाल विस्फोट के प्रभाव को बढ़ाने के लिए किया गया था।
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पाकिस्तान को घेरता रहा है भारत
भारतीय अधिकारियों ने बार-बार पाकिस्तान पर आतंकवाद को लगातार समर्थन और हथियारों की खरीद के लिए फंड के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। भारत कहता रहा है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाहगाह दी है। भारत का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा की गई ऐसी हरकतों के कारण उसे FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया जाना चाहिए। एफएटीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों और ऑनलाइन मार्केटप्लेस का दुरुपयोग कर रहे हैं और कहा गया है कि आतंकवादियों ने ऐसे प्लेटफार्मों का उपयोग हथियार, 3 डी-प्रिंटिंग सामग्री की खरीद के लिए किया है।
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वित्तीय जांच से पता चला कि व्यक्ति ने आईएसआईएल के समर्थन में पेपाल के माध्यम से 669,841 रुपये (7,685 अमेरिकी डॉलर) विदेशी देशों में ट्रांसफर किए। अंतरराष्ट्रीय तीसरे पक्ष के लेनदेन का उपयोग किया और आईपी एड्रेस को छिपाने के लिए वीपीएन सेवाओं का उपयोग किया। उसे विदेशी स्रोत से 10,323.35 रुपये (188 अमेरिकी डॉलर) भी मिले।
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जांच में और क्या मिला?
ईमेल के माध्यम से प्राप्त आरोपी के पेपाल लेनदेन के व्यापक विश्लेषण से पता चला कि लगभग 44 लेनदेन कुल 669,841 रुपये (लगभग 7,736 अमेरिकी डॉलर) विदेशी खातों में किए गए थे। इसके अतिरिक्त, आरोपी ने पेपाल के माध्यम से एक विदेशी खाते से धन प्राप्त किया। जांच में यह भी पता चला कि आरोपी ने विदेशी क्षेत्राधिकारों में ISIL के फॉलोअर के रूप में पहचाने जाने वाले कई व्यक्तियों को आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए धन भेजा था। वित्त मंत्रालय से प्राप्त केस स्टडी में एफएटीएफ ने कहा, इन लेन-देन की संदिग्ध प्रकृति के कारण, पेपाल ने आरोपी के खाते को निलंबित कर दिया, जिससे आगे अवैध धन हस्तांतरण को रोका जा सके।
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