दिल्ली के मुंडका इलाके में सात वर्षीय बेटी की हत्या करने वाले पिता को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीस हजारी कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौम्या चौहान की अदालत ने दोषी विराज राय को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर उसे छह महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
तीस हजारी कोर्ट ने सात साल की बच्ची की हत्या के मामले में दोषी पिता पर कड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि पिता का कर्तव्य अपनी संतान को आर्थिक, भावनात्मक और शारीरिक सुरक्षा देना होता है, लेकिन यहां दोषी ने अपनी जिम्मेदारी को त्यागकर रक्षक से भक्षक का रूप ले लिया। अदालत ने पाया कि विराज राय ने पत्नी के चरित्र पर संदेह करते हुए अपनी ही बेटी का गला घोंटकर उसकी जान ले ली।
सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने सजा में नरमी बरतने की अपील की। उन्होंने तर्क दिया कि विराज की उम्र 47 वर्ष है और वह परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य है। जेल जाने से पहले वह एक निजी कंपनी में हाउसकीपिंग का काम करता था और करीब 13 हजार रुपये मासिक कमाता था। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उसने पूरे ट्रायल के दौरान अच्छा आचरण बनाए रखा।
पत्नी से माफी मांगी थी
अभियोजन पक्ष ने अदालत से दोषी को फांसी देने की मांग की। हालांकि, कोर्ट ने इसे दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी का मामला मानने से इनकार कर दिया। आदेश में कहा गया कि हत्या के बाद आरोपी बच्ची को अस्पताल ले गया और पत्नी से फोन पर रोते हुए माफी मांगी, जो उसके पछतावे का संकेत है। यह मामला 23 अप्रैल 2019 का है। आरोपी विराज राय अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह करता था। घटना से एक दिन पहले पति-पत्नी अलग होने पर सहमत हुए थे और अगले ही दिन आरोपी ने अपनी मासूम बेटी की हत्या कर दी।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक