उत्तर प्रदेश के बरेली की कोर्ट में 9 साल की बच्ची ने गवाही दी और कोर्ट ने आरोपी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। बच्ची ने गवाही में अपनी मां की हत्या के आरोपी पिता को दोषी बताया था।

दरअसल, मामला 2021 का है। डॉक्टर पिता ने अपने दो सहयोगियों की मदद से अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी। इस मामले में कोर्ट ने आरोपी डॉक्टर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस पूरे मामले में 9 साल की बच्ची की गवाही ने बड़ी भूमिका निभाई है।

बरेली में क्लिनिक चलाने वाले आरोपी डॉक्टर इकबाल अहमद ने 2012 में सहारनपुर की रहने वाली निशा देवी से शादी की थी। उनकी दो बेटियां हैं। 26 अक्टूबर 2021 को निशा अपने घर में मृत पाई गई। वहां से डॉक्टर गायब पाया गया था। पुलिस ने शव को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया।

निशा की मां कौशल देवी को बाद में नाबालिग लड़की ने बताया कि उसकी मां को उसके पिता ने मार डाला है। ऑटोप्सी रिपोर्ट ने बच्ची के बयान की पुष्टि की। रिपोर्ट में साफ हो गया था कि निशा का गला घोंट कर मार डाला गया था।

एडीजीसी ने बताया कि निशा की मां की शिकायत पर इकबाल और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 (समान मामले को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों की ओर से किए गए कार्य) के तहत केस दर्ज किया गया। 28 अक्टूबर 2021 को दर्ज कराए गए केस में गैरकानूनी धार्मिक धर्मांतरण अधिनियम के निषेध के तहत भी एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

एडीजीसी सचिन जायसवाल ने कहा कि डॉ. इकबाल को केस दर्ज किए जाने के तीन महीने बाद गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि उसने निशा की हत्या अपने बहनोई मोहम्मद यासीन और सहयोगी मिसरियार खान उर्फ मिश्रा की मदद से की।

पुलिस ने अप्रैल 2022 में तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। अधिनियम लागू होने से पहले विवाह संपन्न होने के बाद से धर्मांतरण विरोधी अधिनियम के तहत धाराएं हटा दी गईं। जायसवाल ने कहा कि 9 साल की बेटी, जो तीसरी कक्षा में पढ़ती है, के बयान ने आरोपी को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई।

इसे भी पढ़ें –