सुप्रिया पांडेय, रायपुर। कृषि वैज्ञानिक पिता अपने बेटे को इंजीनियरिंग का प्रोफेसर बनाना चाहते थे, वे चाहते थे कि बेटा पीजी करने के बाद पीएचडी करे, लेकिन बेटे तो अधिकारी बनकर जनसेवा करना चाहते थे. इसके लिए दिन-रात मेहनत की और सीजी पीएससी में पहला रैंक हासिल किया.
हम बात कर रहे हैं सीजी पीएससी टॉपर नीरनिधि नंदेहा की. 26 साल के नीरनिधि ने अपने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है. इसके पहले वे प्रीलिम्स भी क्लीयर नहीं कर पाए थे. नीर के पिता डॉक्टर केएल नंदेहा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में कृषि वैज्ञानिक है, मां चंपा नंदेहा गृहणी है. नीर बताते हैं कि 2018 में उनका प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ था, नीरनिधि ने पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी का सहारा लिया और सोशल मीडिया का भी बेहतर इस्तेमाल किया.
नीरनिधि बताते हैं कि फेसबुक में कुछ ग्रुप्स के माध्यम पढ़ाई में मदद मिली और ट्विटर में गवर्नमेंट के ऑफिशियल हैंडल से भी उन्हें पढ़ाई में मदद मिली. नीरनिधि के पिता बताते हैं कि वे नीर को इंजीनियरिंग में प्रोफेसर बनाना चाहते थे और नीर को पीएचडी करवाना चाहते थे, लेकिन नीरनिधि ने ना पीजी की और ना पीएचडी. बाकी स्टूडेंट्स को भी नीर निधि ने सफलता का मूल मंत्र देते हुए कहा कि मेंस की तैयारी पहले करें और जब उसकी तैयारी हो जाए तो प्रीलिम्स भी क्लियर हो जाएगा.
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