रुपेश गुप्ता की रिपोर्ट- फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) ने खाद्य विभाग को चावल जमा करने की धीमी रफ्तार पर चिट्ठी लिखा है. इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कोरोना की वजह से उपजे हालात को जिम्मेदार ठहराया है.

एफसीआई ने खाद्य विभाग को लिखे पत्र में विपणन खरीफ़ 20-21 के धान का कस्टम मिलिंग करने के बाद केवल 50 फीसदी (12.39 एलएमटी) चावल ही एफसीआई के गोदामों तक पहुंचने की बात कही है, 11.61 एलएमटी सीएमआर अभी तक जमा नहीं हुआ है. जमा करने की मियाद 30 सितंबर तक ही है.

एफसीआई पत्र के जवाब में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कोरोना के चलते उपजे हालात को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते गाड़ियां नहीं चल रही थी, ना ही मजदूर मिल रहे थे. यही नहीं एफसीआई ने अनुमति देने में 3 महीने की देरी की. इस सब बातों को एफसीआई को देखना चाहिए.

गौरतलब है कि केंद्र ने साल 20-21 के लिए केंद्र ने छत्तीसगढ़ से 24 लाख टन चावल लिया है. ये चावल 30 सितंबर तक जमा करना है.  चावल जमा करने की धीमी रफ्तार को लेकर खाद्य, आपूर्ति एवम उपभोक्ता संरक्षण विभाग को सितंबर 2020 से लिखे जा रहे पत्रों का एफसीआई ने हवाला दिया है.

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बता दें कि तय समय सीमा के मुताबिक राज्य सरकार को दिसम्बर 2020 तक चावल जमा करना था, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी मोहलत मार्च 31 तक बढ़वा ली. इसके बाद इसे और आगे करवाते हुए 30 सितंबर तक किया गया, लेकिन अब भी करीब 50 फीसदी चावल जमा नहीं हुआ है.

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