रायपुर– राज्य शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने एविएन इन्फ्लुएंजा, एच5एन1, बर्ड फ्लू के संबंध में सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए है. आयुक्त स्वास्थ्य आर प्रसन्ना ने बताया कि प्रवासी पक्षियों, पोल्ट्री फार्म में एवियन इन्फलूएजा की होने की संभावना रहती है. उन्होंने शीत ऋतु में बर्ड फ्लू रोग फैलने की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए, राज्य व जिले में पक्षियों की असामान्य मृत्यु अथवा बीमारी की सतत निगरानी रखने के निर्देश समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दिए है.

संचालक महामारी नियंत्रक डाॅ. आरआर साहनी ने कहा कि बर्ड फ्लू प्रभावित राज्यों से पड़ोसी राज्यों में पक्षियों में संक्रमण फैलने तथा उसके कारण मनुष्यों में संक्रमण फैलने की आशंका व्यक्त करते हुए सतर्कता बरता जाय. पक्षियों विशेषकर पोल्ट्री का एच5एन1 के संक्रमण से मनुष्यों में संक्रामक रोग के फैलाव की संभावना होती है. पक्षियों में संक्रमण से प्रभावित राज्यों से संक्रमित पक्षियों के आने जाने से पड़ोसी राज्यों में पोल्ट्री पक्षियों में संक्रमण फैलाव हो सकता है. पालतू एवं गैर पालतू पक्षियों में एवियन इन्फ्लूएंजा के संक्रमण के फैलाव से यह संक्रमण मनुष्यों में फेलने का खतरा उत्पन्न हो सकता है.

उचित संक्रमण रोधी उपायों को पालन करते हुए मृत संक्रमित पक्षियों का निपटारा करने से मनुष्यों में संक्रमण फैलाव के खतरे को कम किया जा सकता है. संक्रमण के लक्षणों को ज्ञात करने हेतु स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा विभाग द्वारा व्यापक निगरानी आवश्यक है. मृत पालतू एवं गैर पालतू पक्षियों का निपटारा प्रशिक्षित अमले के द्वारा उचित संक्रमण रोधी उपायों को पालन करते हुए किया जाना चाहिए. मृत पक्षियों के निपटारे के संबंध में पशु चिकित्सा विभाग के द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए है. क्षेत्र में पालतू अथवा गैर पालतू पक्षियों में मृत्यु की जानकारी प्राप्त होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा तत्काल पशु चिकित्सा विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को सूचना दिया जाना आवश्यक है.

लोगों में जागरूकता लाना आवश्यक

मनुष्यों में संक्रमण के रोकथाम के लिये जनसाधारण में विशेषकर बच्चों में जागरूकता लाना आवश्यक है. मृत पक्षियों को हाथ ना लगाने का संदेश का व्यापक एवं प्रभावशाली प्रचार किया जाए. मनुष्यों में संक्रमण की स्थिति की त्वरित निदान एवं त्वरित उपचार से परिणाम बेहतर हो सकते हैं. सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों को अपने क्षेत्र में पक्षियों के असामयिक मरने की जानकारी पशु चिकित्सा विभाग के समन्वय से ली जावें तथा उन क्षेत्रों के अस्पतालों में मरीजों का सर्वेलेंस किया जावें. निर्धारित प्रपत्र में दैनिक रिपोर्ट भेजा जाय. पोल्ट्री स्टाॅफ का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए. सभी स्वास्थ्य अमलों तथा मितानिनों को बचाव संबंधी जानकारी से अवगत कराया जाए. सभी चिकित्सालयों में शंकास्पद मरीजों को सामान्य मरीजों से पृथक रखा जाए तथा ऐसे मरीजों के उपचार के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों मास्क, ग्लब्स तथा एप्रेन का उपयोग स्टाॅफ के द्वारा किया जाए. संदिग्ध एविएन इन्फ्लुएंजा के प्रकरण की जानकारी प्राप्त होने पर संचालनालय के राज्य सर्वेलेंस इकाई आईडीएसपी में भेजा जाए.