निशांत राजपूत, सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से एक हैरान और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां लखनादौन विकासखंड के मढ़ी गांव स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पिछले 15 दिनों से कुछ ऐसा हो रहा है, जो विज्ञान और अंधविश्वास के बीच जंग छेड़ रहा है। यहां सिर्फ छात्राएं ही अचानक बीमार पड़ रही हैं, चीखने-चिल्लाने लगती हैं और खुद का गला दबाने की कोशिश करने लगती हैं। जबकि स्कूल के 143 छात्रों को कोई लक्षण नहीं दिख रहा।
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इस स्कूल में क्लास 9वीं से 12वीं तक की 146 छात्राएं आसपास के गांवों से पढ़ने आती हैं। पिछले शनिवार को फिर वही मंजर दोहराया गया। कई छात्राएं अचानक बीमार पड़ गईं, चीखने-चिल्लाने लगीं। गांव वाले इकट्ठा हो गए और झाड़-फूंक शुरू कर दी। झाड़-फूंक के दौरान एक छात्रा चीखते हुए बोली – “स्कूल बंदिश में है… पूजा में लगा है।” ग्रामीणों ने पूछा – “क्या लगा?” तो जवाब आया – “बकरा पूजा में लगा।” सबसे चौंकाने वाली बात यह कि यह लक्षण सिर्फ छात्राओं में ही दिख रहे हैं, छात्र पूरी तरह स्वस्थ हैं।
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बीमार छात्राओं को लखनादौन अस्पताल ले जाया गया, जहां मेडिकल जांच में किसी तरह की बीमारी नहीं मिली। रिपोर्ट पूरी तरह नॉर्मल आई। सोमवार को विकासखंड अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूल पहुंची, लेकिन 146 छात्राओं में से एक भी स्कूल नहीं आई। अधिकारियों का कहना है कि हीमोग्लोबिन की कमी या अन्य कारणों से ऐसा हो सकता है। स्कूल में जल्द ही स्वास्थ्य कैंप लगाकर सभी का परीक्षण कराया जाएगा। लेकिन गांव में अंधविश्वास हावी हो चुका है। स्कूल के अंदर ग्रामीण बुरी आत्माओं को भगाने के लिए पूजा-पाठ, हवन और पूजन कर रहे हैं।
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