फीचर स्टोरी– छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने राजीव गांधी न्याय योजना शुरु कर प्रदेश के अन्नदाताओँ के जीवनस्तर सुधारने का जो मिशन शुरु किया है,उसकी देश भर में चर्चा हो रही है. किसानों की आय बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर जिस मॉडल पर यह योजना चलाई जा रही है,उसे पूरे देश में लागू करने की मांग भी अलग अलग प्रदेश के किसान करने लगे हैं. पिछले कुछ सालों से किसानों की स्थिति में सुधार करने की बात केन्द्र और राज्य सरकारों के स्तर पर लगातार हो रही है, लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ को छोड़कर न दूसरे राज्यों ने किसानों के हितों के लिये इतनी व्यापक योजना बनाई है और न ही केन्द्र सरकार ने. छत्तीसगढ़ में लागू राजीव गांधी न्याय योजना के तहत राज्य के किसानों को आदान सहायता(इन्पुट सब्सिडी) के रुप में दस हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से एक बड़ी राशि मुहैया कराई जाती है,जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो और किसानों के जेब में जाने वाले पैसों से बाजार में भी खुशहाली आये.

इस योजना की खास बात ये है कि किसानों को आदान सहायता के रुप में दी जाने वाली राशि साल भर में चार किस्तों में दी जाती है और राशि जारी किये जाने का समय किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर निर्धारित किया जाता है.वर्ष 2021-22 के लिये राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों को पहली किस्त के रुप में 1500 करोड़ रुपये की राशि हाल ही में 21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर जारी की गई है.कोरोना के भीषण संकट के इस दौर में राज्य सरकार द्वारा किसानों को दी गई राशि किसी संजीवनी से कम नहीं है. ऐसे समय में जबकि शहर और गांवों में कोरोना संक्रमण की चैन तोड़ने के लिये लॉकडाउन लगा दिया गया था और तमाम आर्थिक गतिविधियां ठप्प हो गई थी,भूपेश सरकार ने किसानों के लिये खजाना खोलकर उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ ही राज्य की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना को भी जन्म दे दिया है.इस बार राजीव गांधी न्याय योजना का विस्तार करते हुए इसमें सभी तरह की खरीफ फसल लेने वाले किसानों को भी इन्पुट सब्सिडी देने का ऐलान किया है. इसके तहत धान की खेती करने वाले किसानों को 9000 रुपये की आदान सहायता दी जायेगी,जबकि खरीफ की अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों को 10 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से राशि दी जायेगी. सरकार के इन प्रयासों से फसल विविधिकरण को बढ़ावा मिलेगा और धान के अलावा खरीफ की अन्य फसल पैदा करने वाले किसानों को भी अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के शहादत दिवस के अवसर पर राज्य के 22 लाख किसानों को आगामी खरीफ फसल की तैयारियों के लिए इनपुट सब्सिडी के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि उनके खातों में ऑनलाईन अंतरित की है. किसानों को उक्त राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 की पहली किस्त के रूप में जारी की गई है. इस योजना के तहत राज्य के किसानों को कुल 5597 करोड़ रूपए आदान सहायता के रूप में चार किस्तों में दिए जाएंगे. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राशि अंतरण के इस कार्यक्रम के लिए प्रेषित अपने संदेश में सांसद सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आमजनों के साथ-साथ अन्नदाता किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. उन्होंने राजीव गांधी किसान न्याय योजना को किसानों के हित में एक प्रशंसनीय कदम बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी मंत्रियों को बधाई दी. सांसद सोनिया गांधी ने अपने संदेश में कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी की सोच सदैव किसानों, श्रमिकों, गरीबों और पिछड़ों को आर्थिक तौर पर मजबूत करना था. उनके पुण्य तिथि के अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीणों और किसानों को मदद पहुंचाकर सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के किसानों को दी जा रही इनपुट सब्सिडी की वजह से राज्य में खेती-किसानी बेहतर हुई है. सरकार ने इस योजना का दायरा भी खरीफ सीजन 2021 से बढ़ाया है. इसमें धान के साथ-साथ अन्य खरीफ फसलों को शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि इस योजना के तहत भूमिहीन मजदूरों को प्रतिवर्ष निश्चित धनराशि दिए जाने के लिए वर्ष 2021-22 के बजट में शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों पर कृषि ऋण की माफी के साथ ही उन्हें बीते दो सालों में 11 हजार करोड़ रूपए की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी गई. कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत एवं सांसद  पी.एल.पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी जनहितैषी नीतियों को विषम परिस्थिति में भी प्रतिबद्धता के साथ पूरा कर यह जता दिया है कि स्थितियां चाहे जो भी सरकार गरीबों, किसानों के साथ है.उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के जन कल्याण के कार्यो की सराहना करते हुए लाभान्वित किसानों और ग्रामीणों को बधाई और शुभकामनाएं दी.
इस कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के 22 लाख किसानों के खाते में योजना की पहली किस्त के रुप में 1500 रुपये भेज दिये. किसानों के खाते में पैसा आने की सूचना जैसे ही उनके मोबाइल फोन में मिली,प्रदेश के कोने कोने के गांवों में किसानों के चेहरे खुशी से खिल गये.कोरोना की दूसरी लहर के चलते ग्रामीण जनजीवन थम सी गई थी,लेकिन किसानों के खाते में पैसा आते ही उत्साह का वातावरण दिखने लगा और दूसरे ही दिन 22 मई को किसान अपने अपने बैंक में जाकर पैसा आहरित करने में लग गये. किसान अब जल्द से जल्द आगामी खरीफ फसल की तैयारी करना चाहते हैं  क्योंकि महज 15-20 दिन बाद मानसून सक्रिय होने की भविष्यवाणी भी की जाने लगी है.
न्याय योजना ने संवारा आदिवासी किसान सीताराम का जीवन
राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लाभान्वित प्रदेश के अलग अलग इलाके के किसानों से बातचीत करने पर सभी ने अपने अनुभव उत्साह के साथ साझा किया.  कांकेर जिले के ग्राम हामतवाही के किसान सीताराम नुरूटी को 22 हजार 644 रूपये की प्रथम किस्त प्राप्त हुई है. उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि मुझे 90 हजार 576 रूपये मिलने वाली राशि में से पहली किस्त खाता में आ गया है, किसान सीताराम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसान के बेटा ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है. मुझे पहली किस्त की राशि मिली है, जिसे मैं कोदो-कुटकी की खेती करने में लगाऊंगा और अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत भी करूंगा. उन्होंने बताया कि फसल उत्पादन के लिए खेत में कृषि विभाग के माध्यम से बोर खनन करवाया गया, जिसमें मुझे सब्सिडी भी मिली है. उनकी माता रामको बाई मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कोटिशः धन्यवाद देते हुए बताती है कि कोरोना महामारी के इस संकट की घड़ी में राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है.
 किसान सीताराम नुरेटी बताते हैं कि सबसे पहले खेत में खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में धान का पैदावार भी नहीं होता था, जब से मैं वैज्ञानिक पद्धति से कृषि करने लगा हॅू, तब से पैदावार में लगातार वृद्धि हो रही है. पिछले वर्ष 158 क्विंटल धान की बिक्री करने की जानकारी दी. कोराना वायरस संक्रमण काल में किसान सीताराम ने रबी सीजन ग्रीष्मकालीन मक्का की खेती के कार्य में गांव के पांच से छः लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया हैं, उनके द्वारा मक्का की खेती में प्रति वर्ष एक से डेढ़ लाख रूपये की आमदनी प्राप्त हो रही है. किसान सीताराम नुरूटी ने बताया कि इस वर्ष 08 लाख 50 हजार रूपये में नया ट्रेक्टर फाइनेंस करवाया हूॅ, जिसका प्रत्येक छमाही किस्त 01 लाख 21 हजार रूपये का भुगतान भी बैंक को कर रहा हूॅ.
किसानों का हमसफर,भूपेश सरकार 
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी किसान न्याय योजना अंतर्गत किसानों को बोनस के पहली किस्त में मिली राशि मददगार साबित हो रहा है. लॉकडाउन और कोरोना संकट के इस परिस्थिति में सरकार की यह योजना किसानों के लिए राहत लेकर आया है. इससे किसान खरीफ की तैयारी में खुशी-खुशी में जुट गए हैं. गरियाबंद जिले के ग्राम चिखली के किसान अशोक देवांगन ने बताया कि न्याय योजना की पहली किस्त आठ हजार रूपये मिलने से खरीफ सीजन में हम आसानी से खेती किसानी का कार्य पूरा कर पायेंगे. इसी तरह ग्राम तावंरबाहरा के 10 एकड़ में खेती करने वाले किसान सियाराम साहू ने भी संकट की इस घड़ी में खातों में पैसे आ जाने को लेकर खुशी जाहिर की है. उन्हें बोनस की पहली किस्त मिलने से राहत मिली है. उन्होंने बताया कि हम इस पैसे का खेती-बाड़ी की सुधार में उपयोग करेंगे.साहू ने कहा कि ऐन-वक्त पर जेब में पैसा आने से हम किसानों का उत्साह दोगुना हो गया है.

मुंगेली अंचल के किसानों ने  बताया कि वे पूरे उत्साह के साथ खरीफ फसल की तैयारी में जुट गये है. खेत एवं मेड़ो की साफ-सफाई से लेकर खरपतवारों की सफाई तक कार्य जारी है. उबड़-खाबड़ खेतो को समतलीकरण किया जा रहा है. घुरूवा में बने कम्पोस्ट खाद को खेतों तक पहुंचाने और बिखेरने के काम में तेजी आ गई है. करही गांव के किसान रणबीर सिंह ने कहा कि भूपेश सरकार अपने वादों पर खरा उतरी है. उसने किसानों के बारे में सोचा और किसानों को राजीव गांधी न्याय योजना के तहत उनकी उपज का सही मूल्य प्रदान
कर, सही मायने में किसानों के साथ न्याय किया है. हम किसानों को अपनी मेहनत का प्रतिफल मिला है. इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि मिलने से किसान भाईयों के परिवार में खुशहाली आई है. ग्राम बांकी के किसान अवधराम ने बताया कि उन्होंने समर्थन मूल्य पर 70 क्विंटल धान समिति में बेचा. उन्होंने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत उन्हें पहली किस्त के रूप में 12 हजार रूपए उनके बैंक खाता में शासन द्वारा जमा करा दी गई है.इससे कठिन समय में उन्हें खरीफ की तैयारी के लिए मदद मिली है. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते वह ही नहीं पूरे राज्य के किसान भाई खरीफ की खेती को लेकर चिंतित थे. ऐसे मुश्किल क्षण में न्याय योजना के जरिये सीएम भूपेश बघेल और उनकी सरकार ने सभी किसानों की मुश्किल को आसान कर दिया है. इस योजना से किसानों का आत्मविश्वास एवं खेती-किसानी में रूझान बढ़ा है.