सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। बजट पूर्व के छत्तीसगढ़ के व्यापारियों ने जीएसटी पर मंथन किया. आयोजन भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry / FICCI) की ओर से किया गया था. इस आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव मौजूद थे. व्यापारियों ने मंत्री के समक्ष बिंदुवार अपनी समस्याएँ रखी. उरला एसोसिएशन ने 14 बिंदु और फिक्की ने 16 बिंदुओं में अपनी बातें रखी.
इस मौके पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि जीएसटी को लेकर ढेर सारी व्यवहारिक दिक्कतें है. इन दिक्कतों को दूर करने की मांग हम लगातार केंद्र सरकार से कर रहे हैं. जीएसटी में कई ऐसे बिंदु हैं जिससे का प्रत्यक्ष तौर पर असर व्यापारियों को है. वहीं राज्य के हितों पर इसका प्रभाव है. व्यापारियों की ओर से जो समस्याएं बताई गई है उन्हें मैं जीएसटी काउंसिल की बैठक में रखूँगा.
छत्तीसगढ़ स्टेट काउंसिल फिक्की के चेयरमेन प्रदीप टंडन का कहना है कि ई वे बिल में बड़ी दिक्कत आ रही है. ओटोमेटिक ब्लॉक हो जाता है. आज अर्थव्यवस्था की हालत इतनी खराब है कि हम एडवांस में मटेरियल लेते हैं, तो हमें भी एडवांस देना पड़ता है. लेकिन जब पैसा लेना होता है और प्रोडक्ट बन के बिक जाता है वो धीमे-धीमे आता है. ऐसी स्थिति में टैक्स देने में थोड़ा सा असंतुलन बन जाता है. ई वे बिल ब्लॉक करने से व्यापार भी बंद हो जाता है. जो भी समस्याएँ राज्य से होती है, उसे जीएसटी कॉउंसिल में जाकर ठीक किया जा सकता है. बहुत सारी ऐसी वस्तुएं है जिनमें टैक्स पहले नहीं था, लेकिन अब लगाया जाता है कुछ लोगों को इसकी समझ नहीं है उन्हें भी समझाने की कोशिश की जानी चाहिए.