भारतीय संस्कृति में हाथ से खाना खाने और खिलाने को सबसे अच्छा माना जाता है. आयुर्वेद में हाथ से खाना खाने और खिलाने का विवरण मिलता है. आजकल कुछ लोग चम्मच से खाने को स्टाइल सिंबल समझते हैं और हाथ से खाना पसंद नहीं करते. पर क्या आपको पता है कि हाथ से खाना हमारी body के लिए बहुत अच्छा होता है.
जिस तरह बड़ों के लोए हाथ से खाना फायदेमंद होता है उसी तरह छोटे बच्चों को हाथ से खाना खिलाने के के फायदे होते हैं. जब माँ अपने बच्चे को अपने हाथोंसे खिलाती है तो दोनों के बीच एक प्यार भरी बॉंडिंग बनती है, और बच्चे का पेट अच्छी तरह से भरता है. आइए जानते हैं बच्चों को हाथ से खाना खिलाने के और फायदे. Read More – Today’s Recipe : साउथ इंडियन डिश को इटेलियन ट्विस्ट देते हुए बनाएं Cheese Dosa, यहां जानें रेसिपी …
इमोशनल बॉडिंग होती बिल्डअप
जब आप अपने बच्चे को हाथ से खाना खिलाती है, तो उससे बच्चा आपके करीब आने लगता है. वो आपके स्पर्श को जानने के साथ साथ महसूस भी करने लगता है. स्किन टू स्किन टच से बच्चा खुद को मां के साथ सुरक्षित महसूस करता है. इससे दोनों के बीच एक इमोशनल बॉण्ड बिल्डअप होने लगता है.
खाना फंसने का खतरा नहीं
बच्चे का मुंह और फूड पाइप बहुत छोटे होते हैं. इसलिए हाथ से खाना खिलाने के से बच्चे के गले में फंसने का डर नहीं रहता है. हम बच्चे की सुविधा के मुताबिक ही उसके मुंह में खाने का निवाला डालते हैं. इस प्रकार से खाना मुंह में जमा नहीं होगा और गले में फंसने का जोखिम नहीं रहेगा.
पाचन तंत्र होगा मजबूत
जब हम खाना बच्चे को खिलाते हैं, तो एक सीमित मात्रा में खाना बच्चे के मुंह में जाता है. इसके चलते वो खाना जब पूरी तरह से चबाकर निगल लेता है. तभी दूसरा निवाला दिया जाता है. इससे खाना आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है. इससे बच्चा ब्लोटिंग, एसिड रिफलक्स और कब्ज जैसी समस्याओं से बचा रहता है. Read More – Satyaprem Ki Katha : एक बार फिर बड़े पर्दे पर दिखेगी Kartik Aaryan और Kiara Advani की जोड़ी, रोमांस से भरपूर Teaser आया सामने …
ओवर ईटिंग से बचाव
जब बच्चा स्पून से खाता है, तो जल्दी जल्दी खाने की कोशिश करता है. इससे कई बार वो जरूरत से ज्यादा खा लेता है. जो? बाद में वॉमिटिंग का कारण बन सकता है. बच्चे को हाथ से खिलाने से भोजन सीमित मात्रा में ही खिला पाते हैं ताकि बच्चा भूख से ज्यादा न खा सके.
खाने के तापमान को जांच कर खिलाना
मां इस बात को जानती है कि बच्चा कितना गर्म या ठण्डा खाना खा सकता है. उसके हिसाब से ही वो बच्चे को खिलाती है. अपने हाथें में खाने का निवाला लेते ही मां उसके तापमान को जान पाती है. फिर उसे बच्चे को आसानी से खिला देती है और बच्चे का मुंह जलने के डर नहीं रहता.
होता है संतुष्टि का अहसास
बच्चा जन्म से मां के सबसे करीब रहता है. मां बच्चे के मुंह में नपे तुले ढंग से निवाला डालती है. उसकी मात्रा से लेकर गर्म या ठण्डे तक हर बात को जानकर बच्चे को खाना खिलाती है. मां के हाथ से खाने से बच्चा संतुष्टि का अनुभव करता है. इससे बच्चे की भूख शांत हो जाती है और पेट भरा हुआ लगता है.
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