रायपुर। एक तरफ तो हम इस 26 जनवरी को 69 वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं वहीं आज भी देश में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. चाहे वे अकेले हों या फिर भरी भीड़ में. हैवानों की नजरें हर कहीं पहुंच जा रही है. लेकिन जब कोई शिक्षक ऐसी हरकत करे तो उसे आप समझ सकते है कि स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली बेटियां कितनी सुरक्षित हैं.

सोशल मी़डिया के जरिए गरीब मरीजों का इलाज करा कर मसीहा बनी राष्ट्रपति से सम्मानित स्मिता तांडी आज ऐसी ही एक घटना का शिकार हो गई जिससे पूरे छत्तीसगढ़ में हड़कंप मच गया है. एक शादी के समारोह में शामिल होने जा रही स्मिता को ट्रेन में एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने छेड़खानी की वारदात को अंजाम दिया. किसी तरह अपने अाप को बचाकर उसने अारपीएफ भाटापारा से संपर्क किया और साउथ बिहार एक्सप्रेस के भाटापारा पहुंचने से पहले ही तमाम अाला-अधिकारी स्टेशन पहुंच गए. अारोपी युवक को स्टेशन में ही उतार लिया गया. इस घटना की जानकारी जैसे ही सोशल मीडिया में वायरल हुई न केवल देश बल्कि विदेशों में मौजूद स्मिता के काम से प्रभावित लोगों ने घटना की जानकारी लेने फोन करना शुरू कर दिया. घटना के चश्मदीद बताते है कि छेड़खानी करने के बाद जब स्मिता ने आरोपी की फोटो लेने की कोशिश की तो बात बढ़ी और नौबत हाथा-पाई तक पहुंच गई थी, लेकिन गनीमत ये रही की ट्रेन इससे पहले ही भाटापारा रेलवे स्टेशन पहुंच गई और मामला किसी तरह थाने पहुंच कर शांत हुआ. इस मामले के बाद हमने स्मिता से संपर्क करने की भी कोशिश की लेकिन उनका फोन बंद मिला. लेकिन उन्होंने ट्वीट कर अपने ट्वीटर अकाउंट से इसकी जानकारी दी है.

थाने पहुंचे के बाद अारोपी के ऊड़े होश, हाथ जोड़कर गिड़-गिड़ाने लगा

अारपीएफ जैसी ही अारोपी को थाने लेकर पहुंची और अारोपी को पता चला कि जिस युवती के साथ उसने छेड़खानी कि है वो कोई और नहीं बल्कि गरीबों की मसीहा और राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुकी स्मिता तांडी हैं तो उसके होश उड़ गए और थोड़ी देर पहले तक ट्रेन में तो अपनी रूतबा दिखा रहा था वो गिड़-गिड़ाकर रोने लगा और अपनी अस्सिटेंट प्रोफेसर की नौकरी और परिजनों की दुहाई देकर शिकायत न करने की गुहार करता रहा, अारोपी को अपने सामने रोता गिड़-गिड़ाता देख स्मिता का दिल पसीज गया और उसने फैसला किया कि वे इसकी शिकात नहीं करेंगी, भाटापारा जीअारपी ने मामले की पुष्टि तो कि लेकिन लिखित शिकायत दर्ज न करने की बात कही.

जनरल डिब्बे में सुरक्षा को लेकर उठने लगे सवाल ?

ट्रेन के डिब्बों में यात्री कितने सुरक्षित है इस घटना के बाद फिर से सवाल उठने लगे है. इस पूरी घटना के बाद आरपीएफ और जीअारपी की ट्रेन में स्कार्टिंग की पोल भी खुल गई है, जबकि यह घटना दिन के वक्त की है, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात में सफर करने वाली महिलाएं-युवतियां कितनी सुरक्षित है.

कौन हैं स्मिता तांडी

स्मिता तांडी उस वक्त सुर्खियों में आ गई जब फेसबुक पेज पर उनके फैन फॉलोअर्स की संख्या 8 लाख के ऊपर पहुंच गई. स्मिता मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बाद दूसरी ऐसी शख्स थीं जिनके फॉलोअर्स की संख्या सबसे ज्यादा है. स्मिता तांडी अपने फेसबुक पेज जीवनदीप के माध्यम से गरीब और जरुरतमंदों की मदद करती हैं. उनके पहल पर कई गरीब मरीजों का इलाज हुआ है. इस वजह से उन्हें गरीबों का मसीहा भी कहा जाता है. उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने नारी शक्ति के सम्मान से सम्मानित किया था.