रायपुर. मीरा और राहुल, ने करीब एक साल तक इंतजार के बाद फर्टिलिटी टेस्टिंग करवाने का फैसला किया. इस दौरान उन्होंने इस बारे में काफी सोच-विचार किया और काफी जानकारी भी हासिल की. इससे पहले उन्होंने हर सलाह आज़माई: ओव्यूलेशन को ट्रैक किया, एक बेहतर और स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाया और तनाव कम किया, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया. हर महीना नई उम्मीदें जगाता, लेकिन अंत में निराशा ही हाथ लगती. तब, आखिर एक दिन किसी मित्र ने उन्हें स्पेशलिस्ट से मिलने का सुझाव दिया, तब तक उन्होंने टेस्टिंग के बारे में सोचा भी नहीं था. डॉ. नमिता चंद्र वर्मा, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ (Birla Fertility & IVF) , रायपुर के अनुसार, ऐसी स्थिति में दंपति को फर्टिलिटी टेस्टिंग पर विचार करना चाहिए ताकि समय रहते समस्या की पहचान की जा सके और सही इलाज शुरू किया जा सके.

कई दम्पतियों के लिए दरअसल यही वास्तविकता होती है. फर्टिलिटी टेस्टिंग हार मानने के बारे में नहीं है, बल्कि फर्टिलिटी लेकर सही और स्पष्ट जानकारी प्राप्त करना है. यह ट्रीटमेंट को तेज़ी से आगे बढ़ाने के बारे में नहीं है, बल्कि आपकी फर्टिलिटी हेल्थ को समझने और इस बारे में पूरी जानकारी हासिल कर फैसला लेने के बारे में है, खासकर जब समय और उम्र महत्वपूर्ण कारक हों. ऐसे में सभी पहलुओं के बारे में पहले से जानकारी हासिल करना महत्वपूर्ण और जरूरी है.

तो, आपको फर्टिलिटी टेस्टिंग के बारे में कब विचार करना चाहिए?

यदि आप 35 वर्ष से कम उम्र के हैं और एक साल से गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली है, तो फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से जरूर मिलें. लेकिन अगर आप 35 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, तो आपको छह महीने से अधिक इंतजार नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही अनियमित पीरियड्स, पीसीओएस, थायरॉयड डिसऑर्ड्रर्स, एंडोमेट्रियोसिस या पेल्विक सर्जरी के हिस्टरी वाले लोगों के लिए, जल्द से जल्द मदद लेना उचित हो सकता है.

फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से क्यों मिलें?

फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट काफी हाईएंड टेस्टिंग, एग और स्पर्म फिजियोलॉजी और पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट रणनीतियों के साथ अपने अच्छे खासे अनुभव के साथ बेहतरीन प्रोसेस तैयार करते हैं. एक फर्टिलिटी क्लिनिक हार्मोन प्रोफाइलिंग, एएमएच टेस्टिंग और काफी विस्तृत सीमन एनालिसिस के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो नियमित रूप से उपलब्ध होती है.

फर्टिलिटी टेस्टिंग से आपको क्या उम्मीद करनी चाहिए?

महिलाओं के लिए, टेस्टिंग आमतौर पर पीरियड्स के दूसरे दिन शुरू होता है. एक महत्वपूर्ण टेस्ट एएमएच (एंटी-मुलरियन हार्मोन) है, जो ओविरियन रिजर्व का आंकलन करने में मदद करता है. पुरुषों के लिए, संयम के 2-4 दिनों के बाद स्पर्म काउंट, मूवमेंट और शेप का मूल्यांकन करता है. ये टेस्टिंग लगभग छह महीने तक वैध होते हैं और कॉन्सेप्शन साइंस यानि गर्भाधान के विज्ञान को समझने में मदद करते हैं.

टेस्टिंग की ओर पहला कदम स्पष्टता प्राप्त करना है और ट्रीटमेंट के लिए समर्पित नहीं होना है.

जितनी जल्दी आप अपने शरीर को जानेंगे, उतनी ही आप पहले से तैयारी करने में सक्षम होंगे – चाहे वह प्राकृतिक गर्भाधान हो, सहायक प्रोसेस हों, या बस मन की शांति हो. कभी-कभी, जिन जवाबों की आप तलाश कर रहे हैं, उन्हें एक और महीने का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं होती, उन्हें बस सही जगह जाने की ज़रूरत होती है.