रायपुर. वैशाख महीने का वैसे ही काफी महत्व है. इस महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुभकारी और सौभाग्यशाली मानी गई है. इस तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है.यह एक अबूझ मुहूर्त है. इस दिन आप बिना किसी सोच-विचार के किसी भी शुभ कार्य को कर सकते हैं. इस साल यानी वर्ष 2019 में मंगलवार 7 मई को देशभर में अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाएगा.
अक्षय तृतीया को छत्तीसगढ़ में ‘अक्ती’ के रूप में जाना जाता है. गांव वालों के सामने यदि अक्षय तृतीया कहा जाए तो कम लोग ही समझेंगे, लेकिन यदि अक्ती कहें तो हर कोई समझ जाएगा. माता-पिता अपने विवाह योग्य संतानों का विवाह इस दिन पंडितों, पुजारियों से पूछे बिना ही तय कर देते हैं. वे जानते हैं कि यह अबूझ यानी महामुहूर्त है. इस मुहूर्त में कोई भी कार्य करने से वह पुण्यदायी और फलदायी होता है.
खास बात यह है कि इस दिन करीब एक दशक बाद चार ग्रहों का विशेष संयोग भी बन रहा है, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. अक्षय तृतीया से कई मान्यताएं, और कहानियां भी जुड़ी हैं. इसे भगवान परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के अलावा विष्णु के नर और नारायण अवतार के भी इसी दिन होने की मान्यता है. यही नहीं, त्रेता युग का आरंभ भी इसी तिथि से होने की मान्यता जुड़ी हुई है. मान्यता है कि इस तिथि को उपवास और स्नान दान करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत का फल न कभी कम होता है और न नष्ट होता है, इसलिए इसे अक्षय (कभी न नष्ट होने वाला) तृतीया कहा जाता है. इस दिन किए गए कर्म अक्षय हो जाते हैं। इस दिन शुभ कर्म ही करने चाहिए.
अक्षय तृतीया को बन रहा ग्रहों का विशेष संयोग
खास बात यह है कि इस साल यानी 2019 में अक्षय तृतीया का अद्भुत संयोग बन रहा है. ऐसा पूरे एक दशक बाद हो रहा है. इससे पूर्व वर्ष 2003 में 5 ग्रहों का ऐसा योग बना था और अब वर्ष 2019 में एक बार फिर ऐसा संयोग बनेगा, जब 4 ग्रह सूर्य, शुक्र, चंद्र और राहु अपनी उच्च राशि में गोचर करेंगे. कुल मिलाकर देखा जाए तो मानव जीवन पर इनका प्रभाव बेहतर होगा. हालांकि आपकी कुंडली के हिसाब से ग्रहों के प्रभाव अलग-अलग हो सकते हैं.