पटना। बिहार में दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्वों को लेकर लाखों प्रवासी घर लौटना चाहते हैं, लेकिन इस बार सफर की राह आसान नहीं। दिल्ली से पटना के बीच चलने वाली लगभग सभी प्रमुख ट्रेनों में 11 से 26 अक्टूबर तक ‘नो रूम’ की स्थिति है। सीटों की भारी किल्लत के कारण लोग ट्रेन की बजाय बसों की ओर रुख कर रहे हैं, मगर वहां भी हाल बेहाल है। त्योहारी सीजन की भारी भीड़ को देखते हुए आमतौर पर रेलवे फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों की घोषणा करता है, लेकिन इस बार पूर्व मध्य रेलवे ने अब तक कोई लिस्ट जारी नहीं की है। इससे यात्रियों में नाराजगी है। हर साल छठ और दीपावली के मौके पर लाखों लोग दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से बिहार लौटते हैं, मगर इस बार उन्हें टिकट नहीं मिल पा रहा।
प्रमुख ट्रेनों की स्थिति – कब कहां ‘नो रूम’
रेलवे की वेबसाइट पर नजर डालें तो यह साफ हो जाता है कि 16 से ज्यादा ट्रेनें पूरी तरह फुल हैं। कई ट्रेनों में तो वेटिंग लिस्ट भी 300 के पार पहुंच चुकी है। नीचे देखिए किन ट्रेनों में कब सीट नहीं है:
तेजस राजधानी : 15-19 और 21-25 अक्टूबर तक कोई सीट नहीं
डिब्रूगढ़ राजधानी : 11, 16-19, 21, 22, 25 अक्टूबर तक ‘नो रूम’
हमसफर एक्सप्रेस : 20 अक्टूबर को फुल
गरीब रथ : 17, 20, 22 अक्टूबर को कोई सीट नहीं
विक्रमशिला एक्सप्रेस: 14-22 अक्टूबर तक पूरी तरह बुक
संपूर्ण क्रांति : 17-25 अक्टूबर तक नो रूम
नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस : 17, 18, 19, 20, 22, 23, 25 अक्टूबर को फुल
त्रिपुरा सुंदरी एक्सप्रेस : 20 अक्टूबर को सीट नहीं
ब्रह्मपुत्र मेल : 11-22 अक्टूबर तक फुल
सीमांचल एक्सप्रेस : 16-26 अक्टूबर तक नो रूम
अमृत भारत एक्सप्रेस : 17, 18, 22-24 अक्टूबर को सीट नहीं
महानंदा एक्सप्रेस : 18, 19, 22-24 अक्टूबर को बुक
श्रमजीवी एक्सप्रेस : 18, 19, 22, 24 अक्टूबर को कोई सीट नहीं
फरक्का एक्सप्रेस : 16-24 अक्टूबर तक फुल
मगध एक्सप्रेस : 17, 18, 21-23 अक्टूबर को नो रूम
बसों में भी हाहाकार
ट्रेन से टिकट न मिलने के कारण हजारों लोग अब बसों का सहारा ले रहे हैं। लेकिन वहां भी सीटों को लेकर मारामारी है। कुछ प्राइवेट बस संचालक बढ़े हुए किराए पर सीट दे रहे हैं, जिससे यात्रियों को जेब पर असर पड़ रहा है।
रेलवे की चुप्पी बनी सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब त्योहार का सीजन पहले से तय है तो रेलवे ने अबतक फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों की घोषणा क्यों नहीं की? नतीजा यह है कि आम लोग असमंजस में हैं और उन्हें समय से पहले टिकट नहीं मिलने से त्योहार पर घर लौटना मुश्किल हो गया है।
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