प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. किसानों के नाम से लोन निकालकर फर्जीवाड़ा करने वाले 5 आरोपियों को आज पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों में तत्कालीन बैंक मैनेजर, कैशियर सहित तीन दलाल शामिल है. वहीं तीन अन्य आरोपी अभी भी फरार है. जिसकी पुलिस पतासाजी कर रही है. पूरा मामला साल 2012-13 का है. कवर्धा जिले के ग्राम रबेली ग्रामीण बैंक के कर्मचारी 122 किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड से लोन के नाम पर 88 लाख रुपए निकाल लिए. बैंक में नये शाखा प्रबंधक आने के बाद फर्जीवाडे का खुलासा हुआ. जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.
पुलिस के मुताबिक कवर्धा जिले के ग्राम रबेली में संचालित दुर्ग-राजनांदगांव ग्रामीण बैंक जो अब छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के नाम से जाना जाता है. इस बैंक से किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से लोन दिलाने के नाम पर 122 किसानों के नाम से 88 लाख रुपए निकाले. इनमें 17 ऐसे किसान भी शामिल है जिनके पास जमीन ही नहीं है लेकिन फर्जी कागजात जमा कर किसान केडिट कार्ड से लाखों रुपए निकाल लिए. यही नहीं कई किसानों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके नाम से केसीसी लोन लिया गया है.
मामले का खुलासा तब हुआ जब 2014 में बैंक में नए मैनेजर आए तथा बैंक का आडिट कराया. जहां आडिटर ने गड़बड़ी की पोल खोल दी. इस बीच जिन-जिन किसानों के नाम से केसीसी लोन निकाला गया था, उन्हें बैंक में पैसा जमा करने नोटिस भी जारी हुआ. तब किसानों ने किसी भी प्रकार की लोन लेने से इंकार किया. तब बडे फर्जीवाडा का खुलासा हुआ.
इस मामले की शिकायत पिपरिया थाने में दर्ज कराई गई. 2014 में रिपोर्ट तो दर्ज हुआ पर जांच आगे नहीं बढ़ा. शिकायत के आधार पर पुलिस ने बैंक के तत्कालीन मैनेजर अजय श्रीवास्तव, कैसियर आनंद कुम्भकार, चपरासी रामकुमार वर्मा तथा बैंक में किसानों का फर्जी कागजात लाने वाले द्वारिका चंद्रवंशी, धरम चंद्रवंशी, गणेश कुर्मी, राजेन्द्र चंद्रवंशी व परसु को आरोपी बनाया गया.
आज लगभग पांच वर्ष बाद केसीसी लोन फर्जीवाडा में पांच आरोपियों की गिरफतारी की गई है जिसमें बैंक मैनेजर, कैशियर व तीन दलाल शामिल है. वहीं तीन अन्य आरोपी फरार है जिसकी पतासाजी की जा रही है. सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467,468,471,34 के तहत मामला पंजीबद्ध कर कार्यवाई की जा रही है.