वीरेंद्र कुमार, नालंदा। राजगीर के अंतरराष्ट्रीय समागम केंद्र में शुक्रवार को आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र और बिहार सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने मंच से कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी, स्वास्थ्य सुविधाओं और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को उठाते हुए कहा कि, बिहार सत्य, न्याय और अहिंसा की धरती रहा है, लेकिन आज इसे ‘क्राइम कैपिटल ऑफ इंडिया’ बना दिया गया है।
राहुल गांधी ने कहा कि, बिहार के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, जिसके कारण वे पलायन को मजबूर हैं। पहले सरकार इलाज कराती थी, अब आम लोगों को इलाज के लिए लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। सरकार निजी अस्पतालों को जमीन जरूर दे रही है, लेकिन आम आदमी की सेहत की जिम्मेदारी से हाथ खींच रही है।
जातीय जनगणना पर बड़ा बयान
राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को सामाजिक न्याय की नींव बताते हुए कहा कि, जब मैंने इस प्रक्रिया को गहराई से समझा, तब जाना कि यही सच्चे सामाजिक न्याय की बुनियाद है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि देश में जाति नहीं है, तो फिर वे खुद ओबीसी कैसे हो गए? उन्होंने दावा किया कि जैसे ही सच्ची और पारदर्शी जातीय जनगणना हुई, बीजेपी की राजनीति खत्म हो जाएगी।उन्होंने कहा कि, जो गणना अभी की जा रही है, वह दिखावा है। ये एक्स-रे है, हमें MRI चाहिए, जिससे पूरी सच्चाई सामने आए।
‘90 प्रतिशत लोग सत्ता से बाहर हैं’
राहुल गांधी ने कहा कि, देश की 90% आबादी दुख की ‘शेयरहोल्डर’ है, लेकिन उन्हें फैसलों में कोई भागीदारी नहीं मिलती। जब मैंने देश को गहराई से समझा, तो पाया कि इन 90 प्रतिशत लोगों की राजनीति में कोई जगह नहीं है।
PM मोदी और नीतीश कुमार पर तीखे हमले
राहुल ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हवाला देते हुए कहा कि, ट्रंप ने 11 बार कहा कि उन्होंने मोदी जी से सरेंडर करवा लिया, और मोदी जी इसका खंडन भी नहीं कर सके क्योंकि ये सच्चाई है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तंज कसते हुए कहा कि, दबाव पड़ते ही ये लोग चिट्ठी लिखने लगते हैं। अब तो ज़माना बदल गया है, अब चिट्ठी नहीं, व्हाट्सएप कर देंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी उन्होंने सीधा निशाना साधते हुए कहा कि, बार-बार पाला बदलने से जनता का भरोसा टूटता है। ऐसे नेता स्थिरता और विश्वास को कमजोर करते हैं।
‘संविधान बचाने की लड़ाई है यह’
राहुल गांधी ने कहा कि, उनका यह संघर्ष सत्ता पाने के लिए नहीं, बल्कि संविधान, सच्चाई और न्याय की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि, यह देश महिलाओं, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और दिव्यांगों का भी है। जातीय जनगणना संविधान की आत्मा और उसके मूल मूल्यों की रक्षा का माध्यम है।
भीड़ उमड़ी, लेकिन संगठन पर सवाल भी
कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी, जिससे राहुल गांधी के भाषण के दौरान माहौल जोशीला रहा। हालांकि, मंच पर स्थानीय नेतृत्व की कमजोर मौजूदगी और मीडिया से दूरी ने कांग्रेस की संगठनात्मक ताकत और रणनीतिक जुड़ाव को लेकर सवाल भी खड़े कर दिए।
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