FII Selling Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में GST 2.0 सुधारों के बाद आम निवेशकों की उम्मीद थी कि इंडेक्स में जबरदस्त तेजी आएगी. लेकिन हकीकत इससे अलग दिख रही है. ऑटो और FMCG जैसे चुनिंदा सेक्टरों में ही मजबूती है, जबकि आईटी और बैंकिंग जैसे बड़े सेक्टर सुस्त बने हुए हैं. यही वजह है कि निफ्टी 24,900 के स्तर को पार नहीं कर पा रहा, जो बाजार के लिए एक कड़ा रजिस्टेंस बन चुका है.
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FII की सेलिंग जारी (FII Selling Stock Market)
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार बिकवाली कर रहे हैं. सोमवार को ही कैश मार्केट में ₹2,169 करोड़ के शेयर बेचे गए. सितंबर में अब तक 6 ट्रेडिंग सेशंस बीत चुके हैं और हर दिन FII ने सेलिंग की है. महीने की शुरुआत से अब तक वे ₹7,836.25 करोड़ की बिकवाली कर चुके हैं. अगस्त में यह आंकड़ा और भी बड़ा था, जब FII ने कुल ₹46,902.92 करोड़ की नेट सेलिंग की थी. स्पष्ट है कि विदेशी निवेशकों की रणनीति भारतीय बाजार में आक्रामक बिकवाली की है.
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FII और DII का डेटा (FII Selling Stock Market)
सोमवार को लेन-देन के आंकड़े दिलचस्प रहे:
- FII: ₹8,228.52 करोड़ की ग्रॉस खरीदारी और ₹10,398.87 करोड़ की ग्रॉस सेलिंग → नेट सेलिंग ₹2,169.35 करोड़
- DII: ₹11,080.70 करोड़ की ग्रॉस खरीदारी और ₹8,066.40 करोड़ की ग्रॉस सेलिंग → नेट बाइंग ₹3,014.30 करोड़
यानी जहां FII बिकवाली कर रहे हैं, वहीं घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगातार बाजार को संभाल रहे हैं.
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FII क्यों बेच रहे हैं? (FII Selling Stock Market)
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हैं:
- उभरते हुए अन्य बाजारों में बेहतर रिटर्न की संभावनाएं.
- भारतीय बाजार का हाई वैल्यूएशन.
- ग्लोबल इकोनॉमिक अनिश्चितताएं.
जब तक वैल्यूएशन आकर्षक नहीं होंगे, विदेशी निवेशकों की सेलिंग जारी रह सकती है.
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कब बदल सकती है तस्वीर? (FII Selling Stock Market)
FII की आक्रामक बिकवाली ने सेंसेक्स और निफ्टी दोनों को दबाव में रखा है. लेकिन आने वाले हफ्तों में हालात बदल सकते हैं. यदि अमेरिकी फेडरल रिजर्व रेट कट करता है, तो आईटी और बैंकिंग सेक्टर में तेजी आ सकती है.
यही वो समय होगा जब FII फिर से भारतीय बाजार में नेट बायर्स बन सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही नए हाई बना सकते हैं.
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