नई दिल्ली . केंद्र सरकार नई पेंशन नीति यानी एनपीएस में सुधार के लिए इसकी समीक्षा करेगी. लोकसभा में वित्त विधेयक के पास किए जाने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने एलान किया है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम को और आकर्षक बनाया जाएगा. इसके लिए उन्होंने नेशनल पेंशन स्कीम को लेकर कमिटी बनाये जाने का एलान किया है. वित्त सचिव की अध्यक्षता में इस कमिटी का गठन किया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि इस कमिटी की सिफारिशों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों और राज्य सरकार के कर्मचारियों समेत सभी पर लागू होगा.
नई पद्धति बनाई जाएगी सीतारमण ने कहा कि एनपीएस को लेकर नई पद्धति बनाई जाएगी, जिसे केंद्र और राज्य सरकारें, दोनों अपना सकें. वित्त मंत्री ने बताया कि वित्त सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति एक ऐसा तरीका निकालेगी, जिससे आम नागरिकों के संरक्षण के लिए राजकोषीय बुद्धिमत्ता बनाए रखते हुए कर्मचारियों की जरूरत पर ध्यान दिया जाए.
सरकारी कर्मचारियों को साल 2004 से पहले पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद एक तय पेंशन मिलती थी. यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी की सैलरी पर आधारित होती थी. इस योजना में रिटायर्ड कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिजनों को भी पेंशन मिलने का नियम था. लेकिन अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर दिया. इसके स्थान पर नई पेंशन योजना लागू हुई. बाद में राज्यों ने भी नई पेंशन योजना को लागू कर दिया.
केंद्र सरकार की तरफ से ये ऐलान ऐसे समय में आया है जब कई गैर-भाजपा शासित राज्य सरकारों ने महंगाई भत्ते से जुड़ी पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को वापस लाने का फैसला किया है. कुछ अन्य राज्यों में कर्मचारी संगठन इसकी मांग कर रहे हैं.
इन राज्यों में ओपीएस लागू की जा रही
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के अपने फैसले की जानकारी केंद्र को दी है. एनपीएस के तहत जमा निधि में से धन लौटाने का अनुरोध किया है.
नई पेंशन योजना
1. एनपीएस में कर्मचारी की बेसिक सैेलरी, डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता है.
2. नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है. यह अपेक्षाकृत कम सुरक्षित माना जाता है.
3. सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है.
4. नई पेंशन योजना के अंतर्गत हर छह महीने के बाद महंगाई भत्ते का प्रावधान नहीं है.
5. इस योजना में सेवानिवृत्ति के बाद तय पेंशन की गारंटी नहीं होती है. सेवानिवृत्त कर्मचारी की मौत पर उसकी पत्नी को पेंशन मिले इसके लिए विकल्प का चुनाव करना होगा.
पुरानी पेंशन योजना
1. सेवानिवृत्ति के बाद आखिरी वेतन का 50 प्रतिशत मासिक पेंशन के रूप में मिलता है.
2. सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान. 80 वर्ष के बाद पेंशन में वृद्धि का भी प्रावधान है. इसमें जीपीएफ का भी प्रावधान है.
3. इसके तहत 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की राशि दी जाती है.
4. इसका भुगतान सरकारी कोषागार से किया जाता है. कर्मचारी के वेतन से पैसा भी नहीं कटता है.
5. सेवानिवृत्त कर्मचारी की मौत पर उसकी पत्नी को पेंशन का प्रावधान. इसके तहत हर छह माह में डीए भी दिया जाता है. इससे पेंशन की राशि बढ़ती रहती है.