नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से संकट से गुजर रहे देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति प्रदान करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने शुक्रवार को कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर केंद्रित बड़े कदमों की घोषणा की.
वित्त मंत्री सीतारमन ने वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ लगातार तीसरे दिन प्रेस कांफ्रेंस लेकर सरकार के द्वारा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए की जा रही मदद की जानकारी दी. वित्त मंत्री ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 73 हजार करोड़ रुपए फसल की खरीदी की गई. वहीं पीएम किसान फंड के जरिए 18,700 करोड़ रुपए वितरित की गई. वहीं दूध उत्पादकों से दूध कोआपरेटिव ने 560 लाख लीटर प्रतिदिन दूध की खरीदी की गई.
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कुल मिलाकर 11 घोषणाएं की, जिसमें 8 किसान, मछुआरे और मत्स्य पालकों को राहत पहुंचाने के लिए योजनाएं लाए जाने के साथ तीन कृषि से जुड़े कानूनों में बदलाव को लेकर थे.
कृषि भंडारण क्षमता बढ़ाने एक लाख करोड़
वित्त मंत्री ने सबसे पहली घोषणा कोल्ड स्टोरेज की कमी और फसल उत्पादन के बाद उसके प्रबंधन के लिए संसाधन स्थापित करने के लिए एक लाख करो़ड़ रुपए के प्रावधान किए जाने को लेकर की. उन्होंने बताया कि इसके जरिए एग्रीकल्चर कापोरेटिव सोसायटी, किसान संघों, कृषि उद्यमी और स्टार्टअप को मदद मिलेगी.
माइ्क्रो फूड इंटरप्राइजेस के लिए 10 हजार करोड़
असंगठित क्षेत्र के माइ्क्रो फूड इंटरप्राइजेस के लिए दस हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसके जरिए 2 लाख एमएफई को मदद दी जाएगी. इसके लिए क्लस्चर आधारित कृषि उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा. जैसे कश्मीर में केसर क्लस्चर, बिहार में मखारा क्लस्चर, आंध्र प्रदेश में हल्दी क्लस्टर का सुझाव दिया गया.
मछुआरों के लिए मत्स्य संपदा योजना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मछुआरों के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. इसमें 11 हजार करोड़ रुपए मरीन, इनलैंड फिशरीज और एक्वाक्चर के लिए और 9000 करोड़ रुपए फिशिंग हार्बर, कोल्ड चेन और मार्केट को बढ़ावा देने के लिए खर्च किया जाएगा.
पशुओं में रोग नियंत्रण के लिए 13 हजार करोड़
भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा पशु पाए जाते हैं. ऐसे में पशुओं में होने वाले रोग को दूर करने के लिए 13,343 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इसमें सभी 53 करोड़ पशुओं – गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और सूअरों के टीकाकरण किया जाएगा. अभी तक 1.5 करोड़ पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है.
पशुओं के लिए 15 हजार करोड़ का फंड
पशु पालकों के बेहतर जीवन के लिए 15 हजार करोड़ रुपए से एनीमल हसबैंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड का निर्माण किया जाएगा. इसके जरिए डेयरी प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन और पशु आहार के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा. वहीं एक्सपोर्ट के लिए प्लांट लगाने को संवर्धन दिया जाएगा.
औषधीय पौधों की खेती के लिए 4000 करोड़
औषधीय पौधों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 4000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इसके तहत अगले दो सालों में दस लाख हेक्टेयर में औषधीय पौधों की खेती को शामिल किया जाएगा.
मधु मक्खी पालन को बढ़ावा देने 500 करोड़
शहद के लिए मधु मक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इस माध्यम दो लाख मधु मक्खी पालकों को मदद मिलेगी. साथ ही शहद की गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी होगी. यह किसानों के लिए यह आय का अतिरिक्त साधन होगा.
सब्जी उत्पादकों के लिए 5000 करोड़ का प्रावधान
जल्द खराब होने वाली सब्जियों के लिए टॉप दू टोटल का प्रावधान किया गया है. इसके लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इसमें टमाटर प्याज और आलू के अलावा अन्य सब्जियों को लाया गया है. 50 प्रतिशत माल भाड़े पर सब्सिडी और 50 प्रतिशत कोल्ड स्टोरेज के लिए भी सब्सिडी दी जाएगी.
आवश्यक वस्तु अधिनियम में सुधार
इसके बाद सरकार ने कृषि क्षेत्र में बेहतर नतीजे के लिए तीन कानूनों में बदलाव किया जा रहा है. इसमें सबसे पहले 1955 में बनाया गया आवश्यक वस्तु अधिनियम है, जिसमें संशोधन करते हुए किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलाने का काम किया जाएगा.
ई-ट्रेडिंग के लिए तैयार होगा फ्रेमवर्क
इसके अलावा किसान को बेहतर दाम मिल पाए और फसल का दाम स्थिर हो इसके लिए एग्रीकल्चर मार्केटिंग रिफार्म किया जाएगा. इससे किसानों को बिना किसी बंधन के अपने फसल को बेचने की सुविधा दी जाएगी. एक -दूसरे राज्य में बिना किसी बाधा के उत्पाद की बिक्री कर पाएंगे. इसके अलावा कृषि उत्पाद की ई-ट्रे़डिंग के लिए फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा.
किसानों के लिए बनाया जाएगा कानून
भोले- भाले किसानों का उत्पीड़न न हो इसके लिए कानून बनाया जाएगा. इसमें किसान अपने उत्पाद को बिना किसी परेशानी के बेच सके. साथ ही आपादा की स्थिति में उनको परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा.