वित्तीय वर्ष 2023-24 के आम बजट से पहले आज लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करेंगी, जिसमें बीते वित्तीय वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था से जुड़े क्षेत्रों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाएगा. इसके अगले दिन (मंगलवार) वित्तीय वर्ष 2024-25 का आम बजट पेश करेंगी.

इस सप्ताह पेश होने वाले आम बजट में नई पेंशन प्रणाली और आयुष्मान भारत जैसी सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लेकर कुछ घोषणाएं हो सकती है. अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बुनियादी ढांचे पर जोर, ग्रामीण और कृषि संबंधी आवंटन बढ़ने और सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाये जाने की संभावना है.

आर्थिक सर्वेक्षण बजट से किस प्रकार अलग है?

केंद्रीय बजट केंद्र सरकार का एक वार्षिक वित्तीय विवरण है जो आगामी वित्तीय वर्ष (2024-25) के लिए 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 तक अपने प्रस्तावित व्यय और राजस्व की रूपरेखा तैयार करता है. आर्थिक सर्वेक्षण बजट से पहले जारी किया जाता है, जो वित्तीय वर्ष के लिए गैर-बाध्यकारी सुझावों के साथ संपूर्ण लेखा-जोखा पेश करता है. लेकिन, बजट में पिछले वित्तीय वर्ष की सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया है और आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए लक्ष्यों और आवंटन की रूपरेखा तैयार की गई है.

आर्थिक सर्वेक्षण महत्त्वपूर्ण क्यों है?

इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट पिछले वित्तीय वर्ष में भारत के विकास की एक व्यापक समीक्षा है, जो सभी क्षेत्रों, उद्योगों, कृषि, रोजगार, कीमतों और निर्यात के विस्तृत डेटा के विश्लेषण और प्रदान करने पर आधारित है.

आर्थिक सर्वेक्षण के तीन हिस्से अहम

1- अर्थव्यवस्था के विकास की संभावनाओं के साथ चुनौतियों और विकास दर बढ़ाने संबंधी नीतियों की जानकारी दी जाती है.

2- अर्थव्यवस्था से जुड़े अलग-अलग क्षेत्रों बीते वर्ष में हुए कार्यों के प्रदर्शन को रखा जाता है.

3- रोजगार, महंगाई, आयात-निर्यात और बीते 1 वर्ष में देश के विभिन्न क्षेत्रों में हुए उत्पादन की जानकारी होती है.

क्या है आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक सर्वेक्षण वह दस्तावेज है, जिसे बजट से 1 दिन पहले पेश किया जाता है. इसमें बीते वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था ने कैसा प्रदर्शन किया. सरकार की नीतियों व विकास कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तार से बताया जाता है.