नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 20 करोड़ के राहत पैकेज में से MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) के लिए बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इस उद्योग के लिए 6 बड़े कदम उठाएं जाएंगे. MSME को बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ का ऋण मिलेगा. इसका लाभ 45 लाख MSME उद्योग को होगा. इसके साथ ही 100 करोड़ वाली एमएसएमई को लोन में राहत दी जाएगी. इसकी समय सीमा 4 साल की होगी. पहले साल मूलधन भी चुकाना नहीं होगा. वहीं लॉकडाउन की वजह से दबाव में आए इन उद्योगों के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के इक्विटी सपोर्ट की घोषणा की, जिससे 2 लाख इकाइयों को फायदा होगा.

एनपीए वाले एमएसएमई वालों को भी इसमें सुविधा दी जाएगी. यानि की लोन दिया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि तनाव वाली एमएसएमई को 20 हजार करोड़ मिलेगा. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग जो अच्छा काम करना चाहती है. वो फंड नहीं मिलने से कुछ नहीं कर पाते थे. अब फंड मिलने से उन्हें फायदा होगा. वे अच्छा काम कर सकेंगे.

15 हजार से कम वेतन वालों का ईपीएफ सरकार देगी

72 लाख कर्मचारियों को राहत दी गई है. 15 हजार से कम वेतन वाले के खातों में ईपीएफ का पैसा सरकार डालेगी. पहले ये मार्च, अप्रैल और मई का दिया था. इसे अब आगे बढ़ाकर जून, जुलाई, अगस्त में दिया जाएगा.

पहले 12 प्रतिशत ईपीएफ कटता था. अब सरकार ने इसमें कटौती करते हुए इसे 10 प्रतिशत कर दिया है. इससे कंपनी और कर्मचारी दोनों को ही फायदा होगा. ये सिर्फ निजी कर्मचारी के लिए है. सरकारी कर्मचारियों का 12 प्रतिशत ही रहेगा.

1 लाख 70 हजार करोड़ के गरीब कल्याण पैकेज में 12-12 प्रतिशत भारत सरकार देगी. जिसका भुगतान सरकार ने तीन महीने का पहले भुगतान कर दिया है. और आगे के तीन महीने का भी करने का ऐलान दिया गया है. इसमें कर्मचारी और कंपनी का भारत सरकार देगी. करीब 25 सौ करोड़ रुपए का लाभ मिलेगा.

एमसीएमई के परिभाषा में बदलाव

टर्नओवर के आधार पर फायदे के लिए एमसीएमई के परिभाषा में बदलाव किया गया है. इससे देसी उद्योगों को फायदा होगी. 50 करोड़ टर्न ओवर को सरकार लघु उद्योग मानेंगी. 1 करोड़ निवेश, 5 करोड़ के टर्न ओवर को माइक्रो यूनिट कहलाएगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि सर्विस सेक्टर को भी माइक्रो में कर दिया है. इससे आने वाले समय में सर्विस सेक्टर को लाभ मिलेगा. जो मीडियम वालों के लिए आता था. वो निम्न वाले के लिए आ गया है. प्रतिस्पर्धा में जो भेदभाव होता था, उसमें उद्योग को नुकसान होता था. इसलिए 2 सौ करोड़ तक के लिए सरकारी टेंडर पर ग्लोबर टेंडर होगा. वहीं 45 दिनों के भीतर सभी सीपीएसई और एमएसएमई के बकाया भुगतान को क्लियर कर दिया जाएगा.

महत्वपूर्ण घोषणा-

बिजली वितरण कंपनी के लिए 90 हजार करोड़ रुपए.

एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ की स्कीम.

सरकारी ठेकेदोरों को 6 महीने का एक्सटेंशन.

कंस्ट्रक्शन कंपनी को भी 6 महीने का एक्सटेंशन.

प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए 6 महीने का समय दिया गया.

सैलरी वाले को बड़ी राहत दी गई.

टीडीएस में 25 प्रतिशत की कटौती की गई.

टैक्स में 100 रुपए देते थे, तो अब 75 रुपए देना होगा.

50 हजार करोड़ का लाभ जनता को.

आईटीआर (ITR) भरने की तारीख नवंबर तक बढ़ी.