
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्त, आवास एवं पर्यावरण एवं योजना, आर्थिक व सांख्यिकी विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 12 हजार 389 करोड़ 29 लाख रुपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई. इसमें वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 11 हजार 109 करोड़ 43 लाख 25 हजार रुपए, आवास एवं पर्यावरण से संबंधित व्यय के लिए 1 हजार 208 करोड़ 36 लाख 72 हजार रुपए, योजना, आर्थिक व सांख्यिकी विभाग से संबंधित व्यय के लिए 71 करोड़ 49 लाख 60 हजार रुपए की अनुदान मांगे पारित की गई.
वित्त मंत्री ओपी चौधरी वित्त विभाग के अनुदान मांगों की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कॉन्सिलिडेटेड सिंकिंग फंड का भी प्रावधान हमने बजट में रखा है. राज्य के कुल ऋण मांग पांच फीसदी जमा होने का नियम है. हमने सीएसएफ में 7.3 फीसदी की राशि जमा की हुई है. झारखंड में 2.04 फीसदी है. पंजाब में 2.95 फीसदी है. तेलंगाना में सीएसएफ 2.23 फीसदी है. कर्नाटक में करीब 4 फीसदी है. जहां-जहां कांग्रेस या समर्थन की सरकार है, वहां वहां वित्तीय स्थिति ख़राब है. दो दिन पहले एक इंटरव्यू में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने कहा है कि तनख्वाह के पैसे भी नहीं बचते हैं. तेलंगाना में हैदराबाद जैसा शहर है. कर्नाटक जिसके पास बैंगलोर जैसा शहर है, उस कर्नाटक में पिछले चार महीने से गृह लक्ष्मी योजना का पेमेंट नहीं हुआ है. छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड इस्टेबलिटी फंड हमने बनाया है. हम देश के अग्रणी राज्य है. हमारा राज्य माइनिंग पर बहुत निर्भर करता है. अंतर्राष्ट्रीय कारको पर माइनिंग फण्ड निर्भर करता है. इसकी वजह से वित्तीय असंतुलन ना हो इसलिए हमने इस फंड को बनाया है.
ओपी चौधरी ने कहा, बैंकों के ब्रांच की बात हो, डीबीटी के प्रोसेस को आगे बढ़ाने की बात हो, हमारी सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है. टेक्नोलॉजी के ज़रिए सुशासन को मजबूत करने हमने कोई कसर नहीं छोड़ा है. वित्तीय रूप से हम सभी वेलफेयर स्कीम को लागू करने में सफल हुए हैं. किसानों को धान खरीदी का भुगतान, भूमिहीन कृषि मजदूरों का भुगतान, महतारी वंदन योजना, पीएम आवास जैसी कल्याणकारी योजनाएं सफलता से संचालित है. तीस हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त राशि का भार सरकार पर पड़ा है. फिर भी इस चुनौती को पार कर हम आगे बढ़ने में सफल हुए हैं.
मंत्री चौधरी ने कहा, वित्त विभाग के इस बजट में मुख्य रूप से शासकीय सेवकों को पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति हितलाभों, जैसे- पेंशन, परिवार पेंशन, पेंशन कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, एनपीएस में नियोक्ता अंशदान आदि मदों का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि नवंबर 2004 से अप्रैल 2022 के मध्य नियुक्त शासकीय सेवकों के लिए एनपीएस-ओपीएस चयन करने विकल्प दिया गया था. नियोक्ता अंशदान के लिए बजट में प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से पुरानी पेंशन योजना की बहाली के फलस्वरूप भविष्य के पेंशन दायित्वों के बढ़ते वित्तीय भार को ध्यान में रखते हुए इसके प्रबंधन के लिए 456 करोड़ का प्रावधान पेंशन निधि में निवेश के लिए रखा गया है. इसके लिए हम पेंशन निधि अधिनियम भी बनाने जा रहे हैं, जिससे इस प्रक्रिया को स्थायी स्वरूप दिया जा सकेगा. ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा. यह हमारी सरकार के दूरगामी सोच एवं कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही एक प्रमुख भाग है.

वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य शासन ने भविष्य में बाजार ऋणों की देयताओं को ध्यान में रखते हुए संचित शोधन निधि का गठन किया है, जिसमें गत वर्ष के अवशेष ऋणों के 0.5 प्रतिशत प्रति वर्ष निवेश किया जाता है. साथ ही निधि में कुल अवशेष ऋणों का 5 प्रतिशत तक निवेश होना चाहिए. वर्तमान में इस निधि में कुल अवशेष ऋणों का 7.3 प्रतिशत से अधिक है. ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में है. उन्होंने कहा कि हमने राज्य सरकार की गारंटी पर लिए जाने वाले ऋणों की अदेयता की स्थिति में उनका भुगतान सुनिश्चित करने गारंटी मोचन निधि में अब तक 500 करोड़ निवेशित किए हैं और इस बजट में भी 500 करोड़ का प्रावधान किया है. संचित शोधन निधि के साथ गारंटी मोचन निधि में बड़ी राशि निवेशित करने वाला छत्तीसगढ़ देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में से एक है.
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को विकासशील से विकसित राज्य बनाने की दिशा में कार्यरत है. हमने इस बजट में एक नया फंड छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड बनाया है. ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ देश का प्रथम राज्य होगा. निश्चित रूप से यह हमारे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन की पहल में सहयोगी होगा. मंत्री चौधरी ने कहा कि बस्तर में माओवाद की समाप्ति की दिशा में ठोस प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र के लिए भी काम किया जा रहा है. नक्सलवाद के बाद बस्तर कैसा होगा? इस पर भी समानांतर काम किया जा रहा है. अबूझमाड़ में एंट्री के लिए कलेक्टर की अनुमति की जरूरत होती थी. कल्चरर हेरिटेज के नाम पर हजारों लोगों को छोड़ दिया गया था. लोग मलेरिया और हैजा से मरते रहे. हमारी सरकार ने बस्तर को दुनिया के लिए खोला है. इस सार्थक प्रयास का नतीजा है कि यूनाइटेड नेशन ने दुनियाभर में बेस्ट टूरिज्म के लिए धुड़मारास को शामिल किया है. बस्तर जैसे अंचलों का हैपीनेस इंडेक्स बेहतर स्तर पर होगा. हम जो विजन डॉक्यूमेंट बना रहे हैं उसमें भी हैपीनेस इंडेक्स को जगह दी जा रही है.
मंत्री चौधरी ने कहा कि राज्य में हितग्राहियों को सुचारू रूप से लाभ पहुंचाने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर सेल का गठन किया गया है. पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल द्वारा सीएसएस की विमुक्त की गई राशि की निगरानी एवं जमीनी स्तर तक के उपयोगीकरण का पर्यवेक्षण किया जाता है. एसएनएस-स्पर्श के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश के शीर्ष 03 राज्यों में शमिल है. निर्धारित लक्ष्य को समय पर प्राप्त करने पर राज्य शासन को भारत सरकार से इस वर्ष 500 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है. राज्य के आय-व्यय का रियल टाइम पर्यवेक्षण एवं डेटा विश्लेषण किया जा सकेगा, जिससे वित्तीय प्रबंधन और बेहतर हो सकेगा. वित्त मंत्री चौधरी ने कहा कि हमने अपने बजट में प्रत्येक क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक प्रावधान रखने का प्रयास किया है. किसी भी कार्य को करने के लिए हमारी सोच सकारात्मक होनी चाहिए. हमारे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन की सरकार में हो रहे रिफॉर्म इस सकारात्मकता के द्योतक हैं.
देश में नवा रायपुर की पहचान स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता
वित्त मंत्री ओपी चौधरी अपने विभाग आवास एवं पर्यावरण विभाग के अनुदान मांग के चर्चा पर जवाब देते हुए कहा कि नवा रायपुर अटल नगर को आधारभूत सुविधाओं का विस्तार एवं देश और दुनिया में पहचान स्थापित करना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है. नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में पेयजल की निर्वाध आपूर्ति, प्रदेश के कोने-कोने से शासकीय कार्य के लिए आने वाले लोगों के लिए परिवहन सुविधा, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास जैसी जनसुविधा उपलब्ध कराने में हमारी सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की परिकल्पना थी. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की याद में हमारी सरकार ने नवा रायपुर में ’’अटल स्मारक और संग्रहालय’’ निर्माण का निर्णय लिया है.
मंत्री चौधरी ने कहा कि नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान जैसे IIM, Hidaytulla Law University, IIIT, IHM स्थापित है. विश्वस्तरीय आवासीय विद्यालय का निर्माण पूर्णता की ओर है. केन्द्रीय विद्यालय एवं अन्य अनेक निजी विद्यालय एवं विश्वविद्यालय नवा रायपुर क्षेत्र में संचालित है. हमारी सरकार ने युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी एवं उच्च्तर अध्ययन की सुविधा प्रदाय करने की योजना बनाई है. हमारी सरकार ने बजट में पुस्तकालय भवन निर्माण के लिए प्रावधान किया है. वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प के अंतर्गत नवा रायपुर में विकसित भारत आईकोनिक डेस्टिनेशन निर्माण की योजना है.
मंत्री ओपी ने कहा कि नवा रायुपर अटल नगर में रोजगार, निवेश एवं बसाहट को प्रोत्साहित करने कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में आईटी कंपनियों को प्लग एवं प्ले सुविधा के साथ फर्निशड बिल्ट-अप स्पेस के आबंटन के लिए नीति तैयार की गई. इस नीति अनुसार प्राधिकरण द्वारा 02 आईटी फर्मों को बिल्टअप स्पेस आबंटित किया गया है. इस आबंटन से नवा रायपुर में आईटी क्षेत्र में लगभग 2000 लोगों के लिए कुशल रोजगार सृजित होगा. नवा रायपुर अटल नगर में निवेश, रोजगार एवं बसाहट को प्रोत्साहन देने स्वास्थ्य प्रयोजन, सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग, शैक्षणिक प्रयोजन एवं इलेक्ट्रॉनिक्स/इलेक्ट्रिकल उद्योग क्षेत्र में निश्चित भूखंडों को रियायती दरों पर आबंटन किए जाने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने कहा कि आवास एवं पर्यावरण मण्डल में चल रहे कार्यों की समीक्षा एवं पारदर्शिता के लिए डिजिटलाइजेशन अंतर्गत ऑनलाइन मॉनिटरिंग डेशबोर्ड विकसित किया गया, जिसमें मंडल की परियोजनाओं, संपदा, न्यायालयीन प्रकरण एवं रखरखाव से संबंधित कार्यों की समीक्षा/जानकारी प्राप्त की जा सकेंगी. राज्य में कन्टीन्यूअस एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन्स की स्थापना की गई है. इनसे 24 घंटे मॉनिटरिंग डाटा उपलब्ध हो रहे हैं. केन्द्रीय पर्यावरण प्रयोगशाला जल, वायु, मिटटी एवं अन्य ऐसे परीक्षणों में सहायता करेगी, जिससे राज्य में मॉनिटरिंग व्यवस्था सुदृढ़ हो सकेगी एवं विश्वसनीय डाटा बैंक भी तैयार हो सकेगा. इसी दिशा में पर्यावरण मंडल में 90 पदों की भर्ती की कार्यवाही की जा रही है.
ऑनलाइन इमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए सेंट्रल सर्वर की स्थापना
मंत्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश में स्थापित 17 प्रकार के प्रदूषणकारी उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के सतत निगरानी के लिए कंटिन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम, कंटिन्यूअस एबिएन्ट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम एवं कंटिन्यूअस इफल्यूएन्ट क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम से रियल टाइम डाटा हैण्डलिंग प्राप्त करने की व्यवस्था कराई गई है. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर प्रदेश में भी प्रदेश के मध्य क्षेत्रों को समाहित करते हुए ‘‘छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र’‘ का गठन किए जाने की कार्यवाही की जा रही है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राज्य राजधानी क्षेत्र तथा संबंधित प्राधिकरण की स्थापना के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार की जा रही है.
2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने छत्तीसगढ़ अंजोर-विजन/2047 तैयार
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्रीओपी चौधरी ने कहा कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से संबंधित आधारभूत सांख्यिकी जिसमें सर्वेक्षण, विश्लेषण, मूल्यांकन संबंधी जानकारी का संकलन कर सविन्यास प्रकाशन का दायित्व निभा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने पथ प्रदर्शक दस्तावेज छत्तीसगढ़ अंजोर-विजन@2047 बनाया है. यह विजन जनता की महत्वाकांक्षाओं, भावनाओं व आशाओं से प्रेरित हैं. इस मार्गदर्शी विजन में सामाजिक एवं आर्थिक विकास संबंधित अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रणनीतियों और पहलों का समावेश किया गया है. वर्ष 2047 तक राज्य को विकसित राज्य की ओर ले जाने आर्थिक एवं सामाजिक विकास संबंधी कुल 13 थीम्स की परिकल्पना विजन डाक्यूमेंट में किया गया है.
छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में राजस्व संग्रहण की दृष्टिकोण से तीसरे स्थान पर
वाणिज्यिक कर (जीएसटी एवं पंजीयन) मंत्री ओपी चौधरी अपने विभाग के अनुदान मांग के चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि स्वतंत्र भारत में आर्थिक सुधारों की दिशा में जीएसटी कर प्रणाली सर्वाधिक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व कदम है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता एवं कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है. जीएसटी प्रणाली एक राष्ट्र, एक कर एवं एक बाजार की संकल्पना को साकार रूप प्रदान करता है. जीएसटी प्रणाली में केन्द्र और राज्य के 17 प्रकार के विभिन्न अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया गया है.
मंत्री चौधरी ने कहा कि हमारी सरकार सत्ता में आने के पश्चात कर प्रशासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग किया है. करदाताओं को होने वाली असुविधाओं को दूर करने का सतत प्रयास किया जा रहा है. जीएसटी लागू होने से वस्तुओं की लागत में कर का भार कम हुआ है. वस्तुओं के मूल्यों में कमी आई है, इससे खपत को बढ़ावा मिला है और आर्थिक क्षेत्र को मजबूती मिली है तथा उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है. उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कर (जी.एस.टी) विभाग राज्य का मुख्य राजस्व संग्रहणकर्ता विभाग है. वित्तीय वर्ष 2024-2025 में अभी तक (माह फरवरी तक) जीएसटी से प्राप्त राजस्व 20,174 करोड़ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है. छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में राजस्व संग्रहण के दृष्टिकोण से तीसरे स्थान पर है.
मंत्री चौधरी ने कहा कि जीएसटी प्रणाली 01 जुलाई 2017 से लागू हुई है. इस समय राज्य में पंजीयत व्यवसाईयों की संख्या 1 लाख 28 हजार थी, जो वर्तमान में बढ़कर 1 लाख 87 हजार हो गई है. यह जीएसटी विभाग के जागरूगता अभियान और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस सेल (EODB सेल) के गठन से संभव हुआ है. करदाताओं को कर अनुपालन, पंजीयन अथवा ई-वे बिल जनरेशन में आने वाली समस्याओं के त्वरित और सटीक समाधान के लिए मुख्यालय स्तर पर कॉल सेंटर और हेल्प डेस्क स्थापित किया गया है. जीएसटी अधिनियम के पूर्व के अधिनियमों के अंतर्गत व्यवसाईयों के वर्षों पुराने राशि की वसूली के लिए पुरानी सरकार द्वारा वन टाईम सेटलमेण्ट स्कीम (ओटीएस) 2023 लागू की गई थी, जिसे व्यापारियों की विशेष मांग पर 31 मार्च 2025 तक बढ़ा दी गई है. जीएसटी विभाग द्वारा कर संग्रहण के लिए अधिकतम तकनीकी साधनों का उपयोग किया जा रहा है. इसके लिए गतवर्ष फरवरी 2024 में बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना की गई है. चौधरी ने कहा, जीएसटी काउंसिल में जनहित के निर्णयों का विरोध कांग्रेस और इंडी गठबंधन की ओर से किया जाता है. हमारी सरकार बनते ही हमने इज ऑफ़ डूइंग सेल बनाया. यह सेल सिर्फ़ इसलिए काम करता है कि कहां हम टैक्स पेयर्स को फायदा पहुंचा सकते हैं. छोटे व्यापारी को लाभ पहुंचाने e-way बिल को 1 लाख की सीमा तक बढ़ाया गया है.
उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग के राज्य का महत्वपूर्ण राजस्व अर्जक विभाग है. अभी राज्य के 40 रजिस्ट्री ऑफिस ऐसे हैं, जिनके पास अपना खुद का भवन तक नहीं है और ये तहसील दफ्तर के बहुत छोटे छोटे कमरे में चल रहे हैं. इस कमी को दूर करने के लिए राज्य के 25 रजिस्ट्री ऑफिस में नवीन भवन निर्माण के लिए इस बजट में प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य विभाजन के पश्चात रजिस्ट्री विभाग में कई सालों से सेटअप रिवीजन नहीं हुआ है. सेट-अप रिवीजन नहीं होने के कारण वर्तमान कार्यरत रजिस्ट्री ऑफिसों में काम का अत्यधिक दबाव है. लोगों को आसानी से अपॉइंटमेंट नहीं मिल पाते. रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर जैसे जगहो में भारी भीड़ और अपॉइंटमेंट के लिए वेटिंग की समस्या आम है. इसको ध्यान में रखते हुए पंजीयन विभाग के सेटअप का रिवीजन किया गया है और नए 85 पदों का सृजन किया गया है.
मंत्री चौधरी ने कहा कि नवीन उद्योगों को रियायत, ऑनलाईन पंजीयन प्रणाली पर विशेष फोकस करते हुए विभाग द्वारा पंजीयन प्रणाली में मोबाईल एप ‘सुगम’ लागू किया गया है, जिसमें पक्षकार द्वारा पंजीयन के लिए आवेदन प्रस्तुत करते समय संपत्ति की फोटो अपलोड करते ही उस स्थान के अक्षांस एवं देशांतर की जानकारी स्वतः कैप्चर हो जाती है. गूगल मैप के माध्यम से संपत्ति की सही स्थिति, निर्मित संरचना मुख्यमार्ग से दूरी का अनुमान होने से संपत्ति का उचित मूल्यांकन हो पा रहा है, जिसके कर अपवंचन की रोकथाम हो रही है. इसके साथ ही पैन आधार इंटीग्रेशन, सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन भी किया गया है. उन्होंने कहा कि वास्तविक बाजार मूल्य एवं गाइडलाइन दरों की विसंगति दूर करने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 30 प्रतिशत की कमी को समाप्त कर 2019-20 की दरों को यथावत लागू किया गया है. पंजीयन शुल्क में कमी/युक्तियुक्तकरण के तहत गाइडलाइन दर से ऊपर की रजिस्ट्री पर पंजीयन शुल्क से छूट एवं पारिवारिक व्यवस्थापन के लिए शुल्क की रियायत का प्रावधान किया गया है.
शहर से गुजरने वाली नदियों में विकास के लिए बनेगा प्राधिकरण
मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, बस्तर में डीएमएफ की राशि से मेडिकल काॅलेज बनाया जा रहा है. जब मैं रायपुर कलेक्टर था तब एयर पॉल्यूशन तीन सौ से ऊपर जा रहा था, लेकिन कई प्रयासों से उसे नियंत्रित किया गया. एक्सप्रेस वे, कैनाल लिंकिंग रोड बनाई गई. कलेक्ट्रेट की ग्राीन लोकेशन की जमीन को ग्रीन जोन के रूप में डेवलप किया गया. एयर क्वालिटी इंडेक्स सौ के नीचे भी आ गया था. रायपुर, कोरबा, रायगढ़ जैसे शहर का एयर क्वालिटी संतोषजनक स्तर पर है. उन्होंने कहा, शहरों के बीच से गुरजने वाली नदियों में विकास के लिए हम आने वाले दिनों में प्राधिकरण बनाएंगे. मास्टर प्लान में शहर में आउट स्कर्ट एरिया के लिए भी कमेटी बनायेंगे. हम ओटीएस स्कीम लेकर आए हैं. आवास परियोजनाओं के तहत पांच साल से अधिक वक्त से जो प्रॉपर्टी नहीं बिकी है उसमें पांच, दस फ़ीसदी की छूट दे रहे हैं. हाउसिंग बोर्ड, एनआरडीए जैसी संस्थाएं हमारी सरकार के रहते रहते अच्छी वित्तीय स्थिति में आ जाएंगे. ओपी चौधरी ने आगे कहा, छत्तीसगढ़ में चारों शक्तिपीठों को डेवलप करने का प्रावधान हमने रखा है.
नए उद्योग नीति में पंजीयन शुल्क में दी है छूट
वित्त मंत्री ने आगे कहा, हमने सुगम एप बनाया है. इस एप के जरिए रजिस्ट्री हो रही है. सुगम एप के जरिए लोकेशन पर फ़ोटो खींचकर अपलोड करना होता है. किसी लोकेशन पर पेड़ के आने से पेड़ का अलग से पंजीयन शुल्क देना होता था. लोगों ने फोटो लेने के पहले पेड़ काटना शुरू कर दिया. एप लागू होने के डेढ़ महीने के अंदर ही हमने पेड़ों पर लगने वाले शुल्क को खत्म कर दिया. नए उद्योग नीति में पंजीयन शुल्क में छूट दी है. इस तरह की बात होती थी कि कच्चे का पैसा पंजीयन में खपाया जा रहा है. हमने तय किया कि गाइडलाइन वैल्यू से ज्यादा दर होने पर लगने वाले पंजीयन शुल्क को हमने जीरो कर दिया.
फ्लाईएस गाड़ियों का जियो टैगिंग और जीपीएस ट्रैकिंग करेंगे
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, ग्रीन जीडीपी पर आगे बेहतर काम करेंगे. फ्लाईएस गाड़ियों का जियो टैगिंग और जीपीएस ट्रैकिंग करेंगे. एनआरडीए का बॉन्ड जारी करेंगे. एनआरडीए में आईटी सर्विस को लागू करेंगे. नवा रायपुर को दुनिया का सबसे आधुनिक शहर बनाने पर काम किया जा रहा है. एनसीआर की तर्ज पर एससीआर बनाने जा रहे हैं. नवा रायपुर, रायपुर से लेकर दुर्ग तक स्टेट कैपिटल बनकर उभरेगा. उन्होंने कहा, देश की आजादी का 100वां साल विकाससील भारत विकसित भारत होगा. विकाससील छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाने पर तेजी से काम जारी है. मैं आज छत्तीसगढ़ के पहले वित्तमंत्री रामचन्द्र सिंहदेव को भी याद करता हूं, जिन्होंने विकसित छत्तीसगढ़ को लेकर कई सपने देखे थे.
वित्त, आवास एवं पर्यावरण, योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी, वाणिज्यिक कर (जीएसटी एवं पंजीयन) विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर चर्चा में विधायक राघवेन्द्र सिंह, अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, सुनील सोनी, श्रीमती शेषराज हरवंश, हर्षिता बघेल ने भाग लिया.
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