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अलंकार तिवारी,अंबिकापुर- अजब गजब आलम है, भाजपा ने समयदानी कार्यकर्ता की व्यवस्था बनाई, इसके तहत चुनिंदा आदर्श कार्यकर्ताओं का चयन होना था जो निश्चित अवधि के लिए दिगर क्षेत्रों में जाकर संगठन की रीति नीति आदर्श से परिचित कराते और लोगो को संगठन के प्रति जोड़ते.बेहतरीन योजना थी उसका क्रियान्वयन भी हुआ. पर एक अजूबा भी हो गया, इन समयदानियों की भीड़ में एक नाम ऐसा जुड़ गया,जिसके कारनामे पुलिस अभिलेखों में दर्ज है. वह भी महिला आरक्षक से छेड़खानी और एक्ट्रोसिटी के मामले में जेल प्रवास और राशन की अफ़रातफ़री के मामले में 420 के मामले के अभियुक्त के रुप में, अब ऐसे में जिस पर इस तरह के मामले दर्ज हो और न्यायालय में लंबित हो या थाने में दर्ज हो, वह भला संगठन की रीति नीति के लिए कौन सा आदर्श समयदानी होगा और समाज के लिए कौन सा सबक बनेगा.बीते दिनों इस शख़्स पर फिर से शराब के नशे में धुत्त होकर पुलिस आरक्षक को कार से ठोकर मार कर उससे हुज्जतबाजी और जातिगत गालीगलौच का मामला दर्ज हुआ है.
यह शख़्स हैं पीयूष त्रिपाठी, जिन पर महिला आरक्षक से छेड़छाड़ और एक्ट्रोसिटी का मामला न्यायालय में लंबित है. ये इस मामले में जेल जा चुके हैं. इसके ठीक बाद सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना पीडीएस में घोटाले का मामला सामने आया, जिसमें पीयूष त्रिपाठी पर तात्कालीन कलेक्टर भीम सिंह के सीधे लिखित निर्देश पर अपराध पंजीबद्ध हुआ.राशन की अफ़रातफ़री के मामले में आरोप है कि जिन लोगो का अस्तित्व जाँच में नही पाया गया, उन्हें राशन दिया जाता रहा. यह मामला गांधीनगर थाने में लंबित है.पर भाजपा में होने का रसूख़ ऐसा है कि पुलिस इसे गिरफ़्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही. ख़बर है कि संगठन के किसी प्रभावशाली से फोन करवा कर इस मामले में कार्रवाई को रुकवाने की क़वायद की गई है.
कार्रवाई ना होने से बुलंद हौसलों के साथ हालिया दिनों में पीयूष त्रिपाठी ने रात को ड्युटी पर जा रहे आदिवासी आरक्षक को कार से ठोकर मार दी और विरोध करने पर आरक्षक को जातिगत गालियाँ देते हुए धमकाया कि तेरी वर्दी उतरवा दूँगा, मुझे जानता नही, एसपी मेरी जेब में रहता है”.दबंगई की हद यह है कि आरक्षक रात को ही थाने पहुँचा शिकायत की.दो दिन बाद कप्तान के पास गया और वहाँ लिखित शिकायत की और फिर रेंज आईजी के यहाँ लिखित शिकायत किया. तब जाकर अपराध दर्ज हो पाया.सरगुजा में भाजपा फिर से 2003 का इतिहास दोहराना चाहती है. ऐसे लोगो की मौजूदगी और उनकी हरकतें जनमानस मे कौन सा संदेश देती होंगी समझा जा सकता है.दिलचस्प यह है कि पीयूष त्रिपाठी का नाम बीजेपी के मीडिया सेल के व्हाट्सएप ग्रुप में मौजूद है.