बलरामपुर. जल संसाधन विभाग उप संभाग रामानुजगंज के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर यूएस राम की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. सीएम के सस्पेंड करने के बाद अब यूएस राम पर 3.5 करोड़ के पाइप घोटाले के आरोप में रामानुजगंज पुलिस ने गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
दरअसल यूएस राम पर आरोप है कि पाइप की सप्लाई हुए बिना ही उन्होंने ठेकेदार को इतनी बड़ी रकम का भुगतान कर दिया. उमाशंकर को जनता के कार्यों में लापरवाही बरतने पर 3 दिन पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर सस्पेंड भी कर दिया गया था. जिसका कारण मुआवजे की राशि भुगतान में लापरवाही बरतना था. इसकी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से की गई थी. वहीं सीजेएम के निर्देश पर अब एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के खिलाफ 4 मई को रामानुजगंज पुलिस ने घोटाले के आरोप में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.
आरटीआई से निकाली गई जानकारी
आरटीआई कार्यकर्ता डीके सोनी ने सूचना के अधिकार के तहत कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग उपसंभाग के आरआरसी होम पाइप सप्लाई के बारे में जानकारी मांगी गई थी. जिसमें पाया गया कि बिना सामग्री क्रय किए करोड़ों रुपये का भुगतान उमाशंकर राम द्वारा सप्लायर को कर दिया गया है. जिसकी शिकायत की गई थी. लेकिन शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी.
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न्यायालय ने दिया केस दर्ज करने का आदेश
डीके सोनी ने अधिवक्ता के द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रामानुजगंज में अधिवक्ता रूपेश गुप्ता के माध्यम से धारा 156/3 के तहत आवेदन पेश किया. जिसके बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रामानुजगंज ने सुनवाई और दस्तावेज अवलोकन करने के बाद रामानुजगंज थाना को उमाशंकर राम और संबंधित लोगों के खिलाफ सात दिन के भीतर एफआईआर दर्ज करने के साथ जांच पूरी कर रिपोर्ट न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट के आदेश के बाद रामानुजगंज थाना के ने अपराध क्रमांक 145/2 की धारा 420 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है.
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