अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश बीजेपी (Madhya Pradesh BJP) के निष्कासित नेता और इंडियन इंस्टीट्यूट मास कम्युनिकेशन (Indian Institute of Mass Communication) के वेस्टन रीजनल सेंटर के डायरेक्टर अनिल सौमित्र (Director Anil Soumitra) के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट (SC-ST Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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महाराष्ट्र के अमरावती में अनिल सौमित्र के खिलाफ असिस्टेंट प्रोफेसर प्रो. विनय सोनुले ने 16 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने सौमित्र पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि खास जाति से संबंध रखने के कारण उन्हें टारगेट किया जा रहा है. यह सब जुलाई 2021 से ही चल रहा है. इंस्टिट्यूट में आयोजित एक समारोह के दौरान उन्हें सबके सामने बेइज्जत किया गया. छात्रों और स्टाफ के सामने जलील किया गया. परीक्षा के दिन उन्हें एग्जाम इंचार्ज के पद से हटा दिया गया. उन्हें क्लास में पढ़ाने नहीं दिया जा रहा है. यहां तक कि प्रिंटर और ईमेल जैसी सुविधाओं से भी वंचित कर दिया गया है. यही नहीं ये पूरा मामला दिल्ली केम्पस की भी जानकारी में है. शिकायत के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा के तहत केस दर्ज किया है.

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जाने कौन हैं अनिल सौमित्र ?

अनिल सौमित्र मध्यप्रदेश भाजपा का बड़ा चेहरा रहे हैं. वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं, पार्टी विरोधी बयानबाजी के चलते निष्कासन के बाद उन्हें केंद्र सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी. बता दें कि वो भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई की है. रायपुर में एक सरकारी संस्थान में निःशक्तजनों की सेवा से जुड़े रहे. भोपाल में आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्‍य’ के विशेष संवाददाता भी रहे. सौमित्र कई पत्र-पत्रिकाओं में नियमित तौर पर लिखते रहते हैं.

विवादों से पुराना नाता

बता दें कि बतौर प्रोफेसर अक्टूबर 2020 में उनकी नियुक्ति हुई थी. इससे पहले वह मध्य प्रदेश बीजेपी में प्रवक्ता थे. 2019 में फेसबुक पर महात्मा गांधी को फादर ऑफ पाकिस्तान बताकर विवादों में आए थे. तब भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था. इससे पहले 2013 में मध्य प्रदेश में बीजेपी के मुखपत्र चैरेवेति के संपादक रहते हुए भी पत्रिका में कैथलिक चर्च में ननों के कथित यौन शोषण पर छपे एक लेख को लेकर बवाल हुआ था.

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