रुपेश गुप्ता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. आयोग ने छत्तीसगढ़ सरकार और बिलासपुर कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में निर्देश का पालन करके 21 अगस्त तक उसे अवगत कराएं. कोर्ट ने ये आदेश संतकुमार नेताम की शिकायत पर दिया है.
अनुसूचित जनजाति आयोग ने हाईपावर कमेटी की सिफारिश के बाद भी अजीत जोगी के खिलाफ कानून के तहत कलेक्टर बिलासपुर कार्रवाई नहीं करने को संज्ञान में लिया था. आयोग ने इस शिकायत पर छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और बिलासपुर के कलेक्टर को समन भेजकर तलब किया था. इस सुनवाई में केद्रीय गृहमंत्रालय की कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की संयुक्त सचिव अर्चना वर्मा भी मौजूद थीं.
इसके बाद आयोग के समक्ष मुख्य सचिव की तरफ से अनुसूचित जनजाति विभाग के संयुक्त सचिव डी डी कुंजाम और बिलासपुर कलेक्टर की तरफ से अतरिक्त कलेक्टर के डी कुंजाम उपस्थित हुए. आयोग ने इनसे जानकारी ली कि अजीत जोगी के जाति के मामले में हाईपावर कमेटी के आदेश पर आगामी क्या कार्रवाई हुई है.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों को अजीत जोगी के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर अवगत कराने को कहा है . आयोग ने कहा है कि अगर उसने तय तिथि तक अजीत जोगी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की तो 21 अगस्त को मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रुप से बुलाकर जवाब तलब करेगा.
इस सुनवाई में बिलासपुर कलेक्टर ने आगे की कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि जिन अधिकारियों ने जोगी की फर्जी जाति का प्रमाण पत्र जारी किया था उनके खिलाफ तीन माह में कार्रवाई के लिए कलेक्टर बिलासपुर ने निर्देश दिया है. आयोग ने इस कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए कहा कि जोगी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करें. सिर्फ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करके अपनी जिम्मेदारी से न बचें.