रायपुर। सूबे के गृहमंत्री रामसेवक पैकरा द्वारा कम्बल वाले बाबा से डायबिटीज का इलाज कराने के मामले में अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के अध्यक्ष दिनेश मिश्रा ने मंत्री पैकरा की निंदा की है. दिनेश मिश्रा का कहना है कि ग्रामीण स्थानों और दूरस्थ अंचलों में चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं होने की वजह से वहां के लोग ऐसे ढ़ोंगी बाबाओं के पास चले जाते हैं. लेकिन किसी मंत्री का ऐसे स्थान में जाना उचित नहीं है. उन्होंने बताया कि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार अंधविश्वास, जादू टोने, टोनही प्रताड़ना के मामले आज भी सबसे अधिक सरगुजा और बलरामपुर जैसे आदिवासी अंचल से ही आते हैं.
इलाज के नाम पर बाबाओं द्वारा लोगों के साथ ठगी करने के देश भर में लगातार अनेक मामले सामने आए हैं. इस तरह के मामलों में कुछ समय बाद ऐसे बाबाओं की न केवल पोल खुली है बल्कि वे जेल भी गए हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री स्वयं चिकित्सक है और वे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के बेहतरी के लिए मेडिकल कॉलेज खोलने, स्वास्थ्य केंद्र खोलने, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना, संजीवनी, जैसी योजनाएं संचालित कर मरीजों के लिए काम कर रहे है. ऐसे में में कुछ नेताओं द्वारा बाबाओं को बढ़ावा देने की बात ठीक नहीं है. उन्होंने कंबल वाले बाबा पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ऐसे बाबाओं द्वारा की जाने वाली तथाकथित चिकित्सा अवैज्ञानिक और अतार्किक है. इसके साथ ही भारत सरकार के ड्रग एंड मैजिक रेमेडी एक्ट1954 के अंतर्गत अपराध है.
आपको बता दें कि बलरामपुर में एक व्यक्ति कुछ दिन पहले पहुंचा, जो कम्बल ओढ़ाकर और झाड़-फूंक कर सारी बीमारियों को दूर करने का दावा करता है. मंगलवार को गृहमंत्री रामसेवक पैकरा अपने लाव लश्कर के साथ बाबा के पास डायबिटीज का इलाज कराने गए थे. इस दौरान उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है जिसके बाद से वे सभी के निशाने पर हैं.
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