पंजाब पुलिस ने पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री स्वर्गीय बूटा सिंह के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक और जातिवादी टिप्पणी करने के आरोप में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद अमरिंदर सिंह उर्फ राजा वारिंग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

स्वर्गीय बूटा सिंह के बेटे सरबजोत सिंह सिद्धू की शिकायत पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की विभिन्न धाराओं और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 353 (सार्वजनिक उपद्रव फैलाने वाले बयान) और 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वारिंग पर लगा क्या आरोप ?

शिकायत के अनुसार, वारिंग ने कथित तौर पर तरनतारन उपचुनाव प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि यह बयान बेहद आपत्तिजनक, जातिवादी और मानहानिकारक था, जिसमें दिवंगत नेता और पूरे मजहबी सिख समुदाय दोनों को निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा कि अपमानजनक शब्दों का प्रयोग जानबूझकर किया गया था और इसका उद्देश्य सार्वजनिक रूप से अनुसूचित जाति समुदाय के सदस्यों को अपमानित करना था।

पुलिस सूत्रों ने पुष्टि की है कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वारिंग की टिप्पणी से भावनात्मक कष्ट और जनता में आक्रोश पैदा हुआ है और इससे पूरे पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है। पुलिस ने आरोपों की जांच शुरू कर दी है और आगे की जांच जारी है। अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने अपनी कथित टिप्पणी के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। X पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, दिवंगत सरदार बूटा सिंह जी के प्रति गहरा सम्मान, जो मेरे लिए पिता समान थे। मैं दोहराता हूं कि मेरा उनके प्रति कोई अनादर का इरादा नहीं था। अगर मेरे शब्दों से किसी को अनजाने में ठेस पहुंची है, तो मैं तहे दिल से और बिना शर्त माफी मांगता हूं।

इससे पहले रविवार को पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने कथित तौर पर इस्तेमाल की गई भाषा का स्वतः संज्ञान लिया। आयोग के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि यह मामला सोशल मीडिया के माध्यम से आयोग के संज्ञान में आया, जहां कांग्रेस नेता द्वारा दिवंगत बूटा सिंह के खिलाफ कथित तौर पर जाति-आधारित और नस्लीय टिप्पणी करने का एक वीडियो प्रसारित किया गया था।

गढ़ी ने कहा कि आयोग ने अमरिंदर सिंह राजा वारिंग से 6 नवंबर तक लिखित जवाब मांगा है, जबकि तरनतारन के रिटर्निंग ऑफिसर को भी 4 नवंबर तक घटना पर एक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। आप विधायक कश्मीर सिंह सोहल के 27 जून को निधन के बाद सीट खाली होने पर उपचुनाव 11 नवंबर को होगा। उपचुनाव के लिए मतगणना 14 नवंबर को निर्धारित है।