सदफ हामिद, भोपाल। बीजेपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करना चयनित शिक्षकों को भारी पड़ गया। पुलिस ने 27 चयनित शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने चयनित शिक्षकों के खिलाफ बलवा समेत अन्य धाराओं के तहत नामजद अपराध दर्ज किया है।
चयनित महिला शिक्षकों के खिलाफ बुधवार को बगैर सूचना और अनुमति के भाजपा कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने पर हबीबगंज थाना में मामला दर्ज किया गया। प्रदेश भर की चयनित महिला शिक्षक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधने भोपाल पहुंची थी। जहां राखी का थाल सजाकर महिलाएं बीजेपी कार्यालय पहुंची थी। लेकिन वहां भारी बेरीकेडिंग और तैनात पुलिस बल ने उन्हें बाहर ही रोक दिया था। जिसके बाद वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गई थी।
चयनित महिला शिक्षक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधकर उनसे तोहफे के रुप में अपनी लंबित नियुक्ति की मांग करने पहुंची थी। दिनभर चले प्रदर्शन के बाद देर रात 27 चयनित शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया।
कब क्या हुआ…?
सितंबर साल 2018 की तत्कालीन शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया था। इससे पहले की परीक्षा के नतीजे आते, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बन गई और नतीजों पर तलवार लटक गई। इसके बाद चयनित शिक्षकों के संघर्ष और प्रदर्शन के बाद आखिरकार 2019 में परीक्षा के नतीजे घोषित हुए लेकिन फिर नियुक्ति पर पेंच फंस गया।
इस बीच मध्यप्रदेश में घटे राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कोरोना का संकट आड़े आ गया और नियुक्तियों पर फिर संदेह के बादल मंडराने लगे। हालांकि काफी जद्दोजहद के बाद जुलाई 2020 में नियुक्ति की प्रक्रिया आगे बढ़ी और चयनित शिक्षकों के दस्तावेजों का वेरिफिकेशन शुरू हुआ लेकिन महज़ तीन दिन बाद ही इसे भी रोक दिया गया।
चयनित शिक्षकों का आरोप है कि उस समय कोरोना की वजह से सार्वजनिक परिवहन पर रोक की वजह बताई गई। अब 2021 में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी हो गई है लेकिन अब तक चयनित शिक्षकों को जॉइनिंग नहीं मिली है।
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