रायपुर / राज्य के जांजगीर-चांपा जिले के विकासखण्ड सक्ती के ग्राम पंचायत जुड़गा और विकासखण्ड मालखरौद के ग्राम चारपारा स्थिति शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न सामग्री की हेरा-फेरी पाए जाने पर दोनों दुकानों के संचालकों के विरूद्ध प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करायी गयी।

 

लॉकडाउन के दौरान इन गांवों के लोगों से शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न सामग्रियों की हेरा-फेरी होने की शिकायत प्राप्त होने पर खाद्य विभाग द्वारा तत्काल जांच की गई। दोनों दुकानों में जांच के दौरान खाद्य सामग्री की हेरा-फेरी होना पाया गया।

गौरतलब है कि खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य के सभी उचित मूल्य की दुकानों से लोगों को समय पर खाद्य सामग्री प्रदाय करने के लिए नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश खाद्य अधिकारियों को दिए हैं।

विकासखण्ड सक्ती के ग्राम पंचायत जुुड़गा में जागृति महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान में कुल मूल्य 8 लाख 82 हजार रूपए की खाद्यान्न सामग्री की हेराफेरी पाई गई। इस दुकान में चांवल 227.12 क्विंटल, शक्कर 5.44 क्विंटल, नमक 4.72 क्विंटल और 1126 लीटर केरोसीन का स्टॉक कम पायी गयी। इसी प्रकार विकासखण्ड मालखरौदा के ग्राम चारपारा में इंदिरा गांधी स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित शासकीच उचित मूल्य की दुकान में कुल 13 लाख 19 हजार रूपए की खाद्यान्न सामग्री की हेराफेरी होना पाई गई। इस दुकान में 391.5 क्विंटल चांवल, 5.97 क्विंटल शक्कर एवं 11.46 क्विंटल नमक का स्टॉक कम पाया गया। इन दोनों शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध स्टॉक से कम पाए जाने पर दोनों दुकान संचालकों के विरूद्ध खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करायी गई।

अधिकारियों ने बताया कि जांजगीर चांपा जिले में 628 शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित है। शासन के निर्देशानुसार सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में चांवल, नमक निशुल्क एवं शक्कर 17 रूपए प्रतिकिलो की दर से वितरण किया जा रहा है। जिले में लॉकडाउन के दौरान सभी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में आम नागरिकों को सुचारू रूप से खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए खाद्य एवं राजस्व विभाग की चार संयुक्त टीम बनाई गई है। राशन दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए वितरण की कार्यवाही कराई जा रही है। वितरण के कार्य में सतत निगरानी के लिए राजस्व एवं खाद्य विभाग के अमले द्वारा क्षेत्र में सघन भ्रमण किया जा रहा है, साथ ही सभी राजस्व एवं खाद्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के मोबाईल नंबर सार्वजनिक किए गए हैं एवं कॉल सेंटर भी स्थापित किए गए हैं, जिसमें पूरे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों से सीधा संवाद स्थापित किया गया है। जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों से जो शिकायत एवं वितरण प्रक्रिया में सुझाव प्राप्त हो रही है, उन पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है।