रायपुर- राजधानी के वीआईपी रोड स्थित क्वींस क्लब में हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने संचालकों समेत 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. गोली चलाने वाले आरोपी हितेश पटेल समेत पांच आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया गया, जिनमें से चार को जमानत दे दी गई. वहीं पटेल को हत्या के प्रयास के लिए धारा 307 के तहत जेल भेज दिया गया है. घटना के बाद जिला प्रशासन ने क्लब को सील कर दिया है.

बता दें कि रविवार की रात क्वींस क्लब में अमित धवल और मीनल नाम के जोड़े ने बर्थ डे पार्टी के लिए कमरा नंबर 206 बुक कराया था. इस बर्थडे पार्टी में भिलाई की युवती अभिजीत कौर निरंकारी भी पहुंची थी. देर रात करीब दस बजे आफताब कुरैशी और अनुराग गोस्वामी नाम के दो युवक खाने का पार्सल लेने वहां पहुंचे. उन्होंने अपनी कार पार्किंग में रखी थी. पुलिस के मुताबिक इस दौरान ही नशे की हालत में अभिजीत कौर निरंकारी होटल से बाहर निकली और उसने पार्सल लेने आए युवकों की कार को लात मारी. इससे नाराज युवक कार से बाहर निकल आए. दोनों के बीच बहस की नौबत आ गई. इस बीच ही दुर्ग निवासी हितेश पटेल, जो कि क्वींस क्लब में ठहरा हुआ था, वह मौके पर पहुंचा और दो पक्षों के विवाद के बीच अपने लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग कर दी. गोली चलते ही भगदड़ की स्थिति बन गई थी. इस दौरान आफताब कुरैसी और अनुराग गोस्वामी तेलीबांधा थाने पहुंचे और गोली चलने की सूचना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस ने क्लब पहुंचकर पड़ताल शुरू कर दी थी. प्रारंभिक विवेचना के बाद ही पुलिस ने क्वींस क्लब के संचालकों समेत कुल 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था. इस मामले में क्वींस क्लब की ओर से यह जानकारी दी गई है कि क्लब के कमरे की बुकिंग थी, लेकिन कमरे के भीतर कौन क्या कर रहा है, बर्थ डे पार्टी सेलीब्रेट किया जा रहा था, इसकी जानकारी नहीं थी.

संचालकों में शामिल नहीं होने पर भी दर्ज हुई एफआईआर

इधर लाॅकडाउन नियमों का उल्लंघन किए जाने के मामले में क्वींस क्लब के जिन संचालकों के खिलाफ महामारी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई, उनमें फोर कार्नर्स मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमेन नमित जैन का नाम भी शामिल हैं, जबकि क्लब को लेकर पूर्व संचालक और नए संचालक मंडल के बीच हुए मेमोरेंडम आफ अंडरस्टेडिंग के दस्तावेजों में कहीं भी उनके नाम का उल्लेख नहीं है. इसे लेकर नमित जैन ने रायपुर एसएसपी अजय यादव को एक ज्ञापन सौंपकर तथ्यों से वाकिफ कराया है. साथ ही मांग की है कि उक्त एफआईआर से उनके नाम को हटाया दिया जाए. ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि विभिन्न चैनलों और पोर्टलों में प्रकाशित और प्रसारित की गई खबरों में उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. द्वेषपूर्ण ढंग से उन्हें इस प्रकरण में फंसाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने एसएसपी को ज्ञापन के साथ क्वींस क्लब से संबंधित दस्तावेज भी सौंपे हैं.

निष्पक्ष जांच होगी- एसएसपी

इस मामले में रायपुर एसएसपी अजय यादव ने लल्लूराम डाट से कहा है कि, पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाएगी. जांच में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.

इधर कानून के जानकार कहते हैं…..

संचालक मंंडल में नाम शामिल नहीं होने के बाद भी नमित जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के मामले में कानूनविद मानते हैं कि यह प्रावधानों के विरूद्ध है. सेवानिवृत्त उप संचालक, अभियोजन रह चुके वरिष्ठ अधिवक्ता निरेंद्र नाथ चतुर्वेदी ने कहा – जब मेमोरेंडम आफ अंडरस्टेडिंग में नाम नहीं है, तो इस एफआईआर में बतौर संचालक नाम नहीं जोड़ा जा सकता. इस एफआईआर में गलत नाम जोड़ दिया गया है. एफआईआर अंतिम शब्द नहीं है, यह केवल संज्ञेय अपराध की सूचना है. यदि गलत तरीके से नाम जोड़ दिया गया है, तो अनुसंधान में उसे अभियोजित नहीं किया जाना चाहिए. अगर झूठे रूप से अभियोजित किया जाता है, तो उसके लिए पुलिस विभाग पर मेलिसियस प्रासिक्यूशन की कार्यवाही की जा सकती है. उन्होंने कहा कि नमित जैन के पास आप्शन है कि वह दीवानी या फौजदारी दोनों मानहानि प्रस्तुत कर सकते हैं. यह भी आप्शन है कि आनरेबल हाईकोर्ई में सीआरपीसी के सेक्सन 482 तहत एफआईआर क्वेश कराया जा सकता है.