बिलासपुर- सर्टिफिकेट कोर्स की जगह डिग्री कोर्स देकर बड़ा फर्जीवाड़ा किए जाने के मामले में बिलासपुर पुलिस ने सीवी रमन विश्वविद्यालय को अपनी जद में लिया है. पुलिस ने विश्वविद्यालय के कुलपति संतोष चौबे के साथ-साथ पूर्व रजिस्ट्रार और कांग्रेस नेता शैलेष पांडेय के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है. इस मामले मे डिप्टी रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला और नीरज कश्यप को भी आरोपी बनाया गया है.
बताया जा रहा है कि प्रमेंद्र मानिकपुरी नाम के व्यक्ति ने इस पूरे मामले की शिकायत बिलासपुर एसपी आरिफ शेख से की थी. इस शिकायत में कहा गया था कि विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे आईसेक्ट सेंटर में फर्जीवाड़ा किया गया. सेंटर को सर्टिफिकेट कोर्स चलाने की मान्यता थी, लेकिन सेंटर ने डिग्रियां बांटी है. फर्जी डिग्री बांटे जाने के इस मामले में पुलिस ने कोटा थाने में प्रीवेंशन आॅफ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.
इस पूरे मामले में एसपी आऱिफ शेख ने लल्लूराम डाॅट काम से हुई बातचीत में कहा है कि-
प्रमेंद्र मानिकपुरी नामक व्यक्ति ने दस्तावेजी प्रमाण के आधार पर यह शिकायत दर्ज कराई थी कि सी वी रमन विश्वविद्यालय फर्जी डिग्रियां बांट रहा है. इस मामले की विस्तृत जांच की गई. यूजीसी से भी पत्राचार किया गया. जांच पड़ताल में यह तथ्य सामने आए कि विश्वविद्यालय से संचालिक आईसेक्ट सेंटर को डिग्रियां बांटने का ही अधिकार नहीं है. यह केवल सर्टिफिकेट कोर्स के लिए संचालित किया जा सकता है. बावजूद इसके सी वी रमन विश्वविद्यालय की ओर से बड़े पैमाने पर डिग्रियां बांट दी गई. आईपीसी की धारा 21 में लोक सेवक का डेफिनेशन दिया गया है. विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार भी इस दायरे में आते हैं, लिहाजा फर्जी तरीके से डिग्रियां बांटे जाने का यह मामला भी वित्तीय गड़बड़ियों के दायरे में आता है. इस मामले में अपराध दर्ज कर लिया गया है. कई और प्रार्थियों की भी ओर से शिकायत सामने आ रही है.