सुशील खरे, रतलाम। रतलाम भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर (MP Guman Singh Damor ) और अलीराजपुर कलेक्टर गणेशशंकर मिश्रा (Alirajpur Collector Ganeshshankar Mishra) पर FIR दर्ज किया गया है। अलीराजपुर न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित जैन ने 600 करोड़ से ज्यादा घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद पुलिस ने सांसद गुमानसिंह डामोर और अलीराजपुर कलेक्टर गणेशशंकर मिश्रा समेत पीएचई के कार्यपालन यंत्री डीएल सूर्यवंशी, सुधीरकुमार सक्सेना और अन्य अधिकारियों-नेताओं के खिलाफ धारा धारा 197, 217. 269 403 406 , 409 एवं 420 के तहत एफआईआर दर्ज किया है। इस समय रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर इस समय इंदौर में हैं। उनसे इस संबंध में प्रतिक्रिया लेने की कशिश की गई लेकिन उनका कॉल नहीं लग पाया। 

इसे भी पढ़ेः दंपती के साथ 3 लोगों ने की लूटपाट, पति के सामने पत्नी से गैंगरेप करने की कोशिश, एसपी ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का किया दावा

महू के पत्रकार धर्मेन्द्र शुक्ला ने आरोपियों के खिलाफ 600 करोडॉ के घोटाले में लिप्त होने संबंधी समस्त प्रमाणित दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। साथ ही सभी पर मामला दर्ज करने की मांग की थी। सभी आरोपियों पर धारा 120 बी के तहत आरोप भी लगाया गया है।

दरअसल वर्तमान रतलाम भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर तत्कालिन समय पर कार्यपालन यंत्री पलोरोसिस नियंत्रण परियोजना के रूप में पदस्थ थे। इसी दौरान कलेक्टर अलीराजपुर गणेशशंकर मिश्रा समेत पीएचई के कार्यपालन यंत्री डीएल सूर्यवंशी, सुधीरकुमार सक्सेना अन्य भी पदस्थ थे।

इसे भी पढ़ेः BREAKING: 250 करोड़ घोटाले में एसडीएम-सब इंजीनियर गिरफ्तार, मामले में अब तक 16 हो चुके हैं अरेस्ट

अलीराजपुर और झाबुआ क्षेत्र में फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं पाइप सप्लाई मटेरियल खरीदी और अन्य कई योजनाओं के लिए सामान की खरीदी होनी थी। तत्कालिन कार्यपालन यंत्री गुमान सिंह डामोर इस दौरान करोड़ों रुपये के बिल पास किए थे। गुमान सिंह डामोर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों की मिलीभगत से विभिन्न योजनाओं में खर्च बताते हुये करीब 600 करोड़ रुपए घोटाले को अंजाम दिया था। नौकरी से रिटायर्ड होने के बाद भाजपा से सांसद बने।

इसे भी पढे़ः सुशासन दिवस कार्यक्रम में बीजेपी मंडल अध्यक्ष ने कलेक्टर पर निकाली भड़ास, विधायक के सामने सरकारी दफ्तरों में व्याप्त भ्रष्टाचार की खोली पोल

इस तरह हटा राज से पर्दा 

योजनाओं के नाम पर रकम तो जारी हो गए लेकिन न तो आदिवासी क्षेत्र में कोई फ्लोरोसिस नियंत्रण का काम किया ना क्षेत्र में हैंडपंप खुदवाए गए। युनिट आदि की स्थापना पर सिर्फ भ्रष्टाचार से पैसा ही बनाते रहे। दस्तावेजों के आधार पर पत्रकार धर्मेन्द्र शुक्ला ने उच्च न्यायालय में साल 2015 और 2017 में याचिकाएं लगाई गई थी। याचिका में पारित आदेश के अनुशरण मे अलीराजपुर की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष परिवाद मय दस्तावेजों के पेश किया। न्यायालय में गवाहों के बाद कोर्ट ने 2280 / 2021 दर्ज किया। इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों की उपस्थित होने के लिए 17 जनवरी 2022 तिथि नियत की है।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus