नई दिल्ली . दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और उनके अधीनस्थ अफसर वाईवीवीजे राजशेखर के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई है. FIR उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले की अदालत के आदेश पर दर्ज की गई है. अल्मोड़ा के जिलाधिकारी विनीत तोमर ने कहा कि अल्मोड़ा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के आदेश पर दोनों अधिकारियों के विरुद्ध गोविंदपुर में राजस्व पुलिस उपनिरीक्षक द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया है.

राजस्व पुलिस प्रणाली केवल उत्तराखंड में ही लागू है, जो जिला प्रशासन के अधीन काम करती है. अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 392, 447, 120 बी, 504 और 506 तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है.

अदालत ने 2 मार्च को प्लीजेंट वैली फाउंडेशन नाम के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा इस संबंध में दाखिल शिकायत को स्वीकार करते हुए राजस्व पुलिस ने अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने तथा नियमानुसार मामले की जांच करने के आदेश दिए थे.

एनजीओ ने लगाया भ्रष्टाचार से जुड़े सबूत लूटने का आरोप

गैर सरकारी संगठन ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्होंने 14 फरवरी को डाडाकाडा गांव में उसके द्वारा संचालित विद्यालय में चार व्यक्ति भेजे, जिन्होंने प्लीजेंट वैली फाउंडेशन के संयुक्त सचिव के कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़ की तथा अधिकारियों के कथित भ्रष्टाचार से जुड़े सबूतों वाली फाइल, रिकॉर्ड, दस्तावेज तथा पेन ड्राइव लूट कर ले गए. ऑफिस में घुसने वाले लोगों ने कथित तौर पर धमकी दी कि यदि NGO द्वारा उक्त अधिकारियों के खिलाफ सतर्कता विभाग तथा अन्य कार्यालयों में दी गई शिकायतें तत्काल वापस नहीं ली गईं तो संगठन के अधिकारियों को झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा.

हमलावरों ने 63 हजार रुपए भी लूटे

कार्यालय में घुसने वाले लोगों ने कथित तौर पर धमकी दी कि यदि संगठन द्वारा उक्त अधिकारियों के खिलाफ सतर्कता विभाग तथा अन्य कार्यालयों में दी गयी शिकायतें तत्काल वापस नहीं ली गयई तो संगठन के अधिकारियों को झूठे मामलों में फंसा दिया जाएगा. संगठन ने शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि कार्यालय में घुसे लोग अपने साथ पहले से टाइप दस्तावेज लाए थे और उन्होंने संयुक्त सचिव के साथ उन पर दस्तखत करने के लिए जबरदस्ती भी की. शिकायत के अनुसार, जब शिकायतकर्ता ने इसका विरोध किया तो हमलावर वहां रखे 63,000 रुपये लेकर चले गए.