Delhi Rohini Fire: दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 की झुग्गियों में रविवार दोपहर लगभग 12 बजे अचानक आग लग गई, जिससे 2 बच्चे जिंदा जल गए और लगभग चार हजार लोग बेघर हो गए. मृतकों की पहचान 3 वर्षीय सादिया और 4 वर्षीय आलम के रूप में हुई है. आग की लपटें इतनी तेज थीं कि धुएं का गुब्बार दूर से ही दिखाई दे रहा था. सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड के कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन आग पर काबू पाने के लिए 30 दमकल गाड़ियों को करीब 4 घंटे तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी.

26 दमकल गाड़ियां लगाई गईं

रोहिणी के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने जानकारी दी कि घटनास्थल से दो बच्चों के जले हुए शव मिले हैं, जिनकी उम्र ढाई साल और तीन साल है. दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें सुबह लगभग 11:55 बजे आग लगने की सूचना मिली. आग सेक्टर-17 में श्रीनिकेतन अपार्टमेंट के पास लगी थी, जिसके बाद तुरंत 17 दमकल गाड़ियां भेजी गईं. मौके पर कुल 26 दमकल गाड़ियां तैनात की गई थीं.

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800 से ज्यादा झुग्गियां खाक

अधिकारी ने जानकारी दी कि आग लगने से लगभग पांच एकड़ में फैली 800 से अधिक झुग्गियां जलकर राख हो गईं. घटनास्थल पर अग्निशामक विभाग और पुलिस की कई टीमें तैनात की गई थीं. डीएफएस के अनुसार, आग की शुरुआत एक झुग्गी से हुई, जिसने तेजी से पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया. आग लगने के स्थान पर जगह की कमी थी, जिससे अग्निशामक कर्मियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.

दर्जनभर से ज्यादा सिलेंडर फटे

फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अनुसार, आग लगने के दौरान लगभग एक दर्जन सिलेंडर फट गए, जिससे आग तेजी से फैल गई. जब अग्निशामक आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे, तब कुछ झुग्गियों में रखे सिलेंडर बार-बार विस्फोट कर रहे थे. आग को नियंत्रित करने के लिए सावधानीपूर्वक ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें 50 से अधिक दमकलकर्मियों की टीम को तैनात किया गया. इस दौरान चार अलग-अलग श्रेणियों में कर्मियों ने कार्य किया; दो टीमों ने आग पर काबू पाने का कार्य संभाला, एक टीम ने आग बुझने के बाद कूलिंग का काम शुरू किया, जबकि एक अन्य टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाकर आग की चपेट में आए लोगों की पहचान करने का प्रयास किया.

देरी से पहुंचने पर दमकल की गाड़ियों पर पथराव

स्थानीय निवासियों का कहना है कि हादसे के लगभग 45 मिनट बाद फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मौके पर पहुंचे, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया. इस गुस्से के चलते उन्होंने दमकल की गाड़ियों पर पथराव किया, जिसके परिणामस्वरूप एक गाड़ी के शीशे टूट गए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल को बुलाया गया, जिसने लोगों को समझाकर उन्हें शांत किया.

फायर ऑफिसर ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा, क्योंकि संकरे रास्ते और गलियों के कारण पहुंचने में समय लगा. इसके अलावा, कबाड़ और ज्वलनशील सामग्री की अधिकता के चलते आग तेजी से फैल गई. पीड़ितों ने जानकारी दी कि आग लगने से झुग्गी बस्ती में स्थित कबाड़ का गोदाम और राशन की दुकान पूरी तरह से जलकर राख हो गई. इस घटना में लोगों के लाखों रुपये के जेवरात, आवश्यक सामान और नकदी भी नष्ट हो गए.

शॉर्ट सर्किट से आग लगने के बाद सिलेंडरों में धमाके

स्थानीय लोगों के अनुसार, आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी, जिसके बाद झुग्गियों में रखे छोटे सिलेंडर धमाके के साथ फटने लगे, जिससे आग तेजी से फैल गई. शमीम शाह, जो अपनी पत्नी तुला बीबी और दो बच्चों के साथ रहते हैं, ने बताया कि वह हादसे के समय पास की दुकान से चावल लेने गए थे. जब वह लौटे, तो चारों ओर अफरा-तफरी और आग की लपटें थीं. उनकी साढ़े तीन साल की बेटी सादिया आग में झुलस गई. इसी तरह, मीठू ने बताया कि इस हादसे में उसके चार साल के बेटे की मौत हो गई. स्थानीय निवासी बादशाह ने बताया कि इस दुर्घटना ने उनकी छत छीन ली है, जिससे उनके जीवनयापन में संकट उत्पन्न हो गया है. बस्ती में तीन सौ से अधिक छोटे बच्चे हैं, और हादसे के बाद सभी लोग भूख और प्यास से जूझ रहे हैं. स्थानीय लोगों ने सरकार से अनुरोध किया है कि वे एक सुरक्षित स्थान पर गर्मी से बचने के लिए छत, भोजन और पेयजल की व्यवस्था करें.

गरमाई सियासत

दिल्ली में इस हादसे को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि रोहिणी की झुग्गियों में लगी भीषण आग में दो बच्चों की जान चली गई. उन्होंने सवाल उठाया कि उस समय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता क्या कर रही थीं, क्या वह ‘मन की बात’ सुनने में व्यस्त थीं? पूरा दिन बीत गया, लेकिन मुख्यमंत्री को इस घटना पर ट्वीट करने का भी समय नहीं मिला. इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने AAP कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे पीड़ित परिवारों की सहायता करें. मुख्यमंत्री घटनास्थल से कुछ दूरी पर बवाना में थीं, लेकिन चुनाव के बाद गरीबों की चिंता कौन करेगा, यह एक बड़ा सवाल है.