पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जनपद कार्यालय में आज सुबह साढ़े 10 बजे बाबू केदार रात्रे जैसे ही दफ्तर पहुंचा उसे कक्ष क्रमांक 5 में धुंआ निकलता दिखाई दिया. आसपास के लोगों के सहयोग से किसी तरह दरवाजे को तोड़कर अंदर घुसा तो देखा कि कंप्यूटर, फर्नीचर समेत रखे सभी दस्तावेज धधक रहे थे. जनपद के बाबू ने अक्ल से काम लेते हुए बोर चालू कर कमरे में पाइप के सहारे पानी से आग को बुझा दिया. फिर बिजली कनेक्शन काटकर अंदर में रखे सामान को निकालने की कोशिश की. हालांकि तब तक अंदर रखा सारा सामान जल चुका था.
लिपिक केदार ने कहा कि कुछ सरकारी रिकार्ड भी जले हैं. पर क्या-क्या है यह पूरी सामग्री निकालने के बाद पता चल सकेगा. केदार ने ये भी बताया कि दूसरे कमरे में आग फैलती उससे पहले आग पर काबू पा लिया गया.
दरअसल, जनवरी 2023 में जनपद उपाध्यक्ष सुख चंद बेसरा द्वारा जनपद नेहा सिंघल और जनपद सीईओ के खिलाफ आर्थिक अनियमितता की शिकायत की गई थी. उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने अपनी जांच में करीब डेढ़ करोड़ की आर्थिक अनियमितता पाई थी. रिपोर्ट में सीईओ, लिपिक से राशि वसूलने और एफआईआर दर्ज करने के अलावा पति के फर्म से 40 लाख रुपये के सेनेटाइजर की बिक्री पंचायतों में कर अप्रत्यक्ष लाभ लेने के आरोप पर जनपद अध्यक्ष नेहा सिंघल के खिलाफ धारा 40 के तहत कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी.
भीतरी साजिश का आरोप
मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जनपद उपाध्यक्ष सुखचंद बेसरा ने कहा कि जनपद में बेहतर काम कर रहे सीईओ प्रतिक प्रधान को अचानक हटाया जाना, सप्ताह भर बाद जनपद में आग लगना ये साबित करता है कि डेढ़ करोड़ के घपले के हाई प्रोफाइल मामले को खत्म करने की भीतर से कोई साजिश हो रही है. इस पर उपाध्यक्ष ने जांच की मांग की है.
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