शेखर उप्पल,गुनामध्यप्रदेश के गुना जिला अस्पताल में उस वक्त अफरा तफरी मच गई, जब देर रात मैटरनिटी वार्ड में अचानक आग लग गई. उस समय वहां 8 से 10 प्रसूताएं अपने नवजात शिशु के साथ भर्ती थी. आग लगने के बाद जैसे-तैसे अपने नवजात शिशु को लेकर भागी. रात भर प्रसूताएं और उनके अटेंडर बाहर बैठे रहे. अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली. एक ओर अस्पताल में आग लग गई और दूसरी ओर प्रसूताओं को दूसरे जगह रखने की व्यवस्था भी नहीं कर पाए. उन्हें रात बाहर काटनी पड़ी. अब इस मामले में अस्पताल प्रबंधन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

प्रसूताओं को अपने नवजात बच्चों के साथ खुले आसमान के नीचे रात गुजारनी पड़ी. किसी ने बाहर सड़क पर शरण ली, तो किसी ने बस स्टॉप में बैठकर रात गुजारी. किसी ने सामुदायिक शौचालय के बाहर रात गुजारी, तो कई मरीजों ने बस स्टॉप में बच्चों को लेकर बैठी रहीं. रात भर प्रसूताएं और उनके अटेंडर बाहर बैठे रहे. वार्ड से बाहर आकर मरीजों ने सड़कों पर शरण ली.

जिला अस्पताल के बाहर सड़को पर रात गुजारते हुए प्रसूताएं

बता दें कि जिला अस्पताल के मैटरनिटी विंग के पास स्थित नई बिल्डिंग में लगभग 8-10 प्रसूताएं भर्ती थीं. बीती रात 1-2 बजे के बीच अचानक शार्ट सर्किट हो गया. शार्ट सर्किट से तारों में आग लग गई. पूरे वार्ड में धुआं भर गया था. इसी हालत में स्टाफ अपने कमरे में ताला लगाकर गायब हो गया. अस्पताल प्रबंधन इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में धुआं धुंआ

वही जानकारी के मुताबिक भागदौड़ में एक बच्चा भी वार्ड में गिर गया. उसे दूसरी में महिला ने उठाया और अपने साथ लेकर बाहर आई. बता दें कि एक वर्ष पहले भी इस बिल्डिंग की वार्ड में आग लग चुकी है. उस समय यहां कोरोना वार्ड बनाया गया था.

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